Holi 2022: होली (Holi 2022) का त्योहार 18 मार्च को है. रंगों का त्योहार होली पूरे देश में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. होली के दिन आपस में इकट्ठा होते हैं और बड़े ही प्रेम, सौहार्द्र के साथ रंग-अबीर खेलते हैं. जम कर सेलिब्रेशन होता है और सभी पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेतेे हैं. होली के दिन के लिए ऐसी मान्यता है कि भांग के बिना होली (Holi) का त्योहार अधूरा माना जाता है. होली के दिन भांग का सेवन लोग अलग-अलग तरीकों से करते हैं. भांग की गुजिया, भांग के पकौड़े, भांग वाल ठंडई, लस्सी जैसे पकवान और रेसिपी इस दिन खास होते हैं.
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली के दिन भगवान शिव और विष्णु की मित्रता के प्रतीक के तौर पर भांग का सेवन करने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि भक्त प्रहलाद को मारने की कोशिश करने वाले हिरण्यकश्यप का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह का रूप लिया जाता है. लेकिन हिरण्यकश्यप का संहार करने के बाद वे क्रोधित थे और क्राेधित नरसिंह को शांत करने के लिए भगवान शिव ने शरभ अवतार लिया था. इसी उपलक्ष्य पर प्रसाद के रूप में भांग के सेवन की परंपरा शुरू हुई. इसके अलावा हाेली के दिन भांग के सेवन को लेकर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कथाएं प्रचलित हैं.
भांग का विशेष धार्मिक महत्व भी माना गया है. इसके पीछे भी एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जो विष निकला था वो शिव ने गले के नीचे नहीं उतरने दिया. ये विष बहुत गर्म था. इस कारण भगवान शिव को गर्मी लगने लगी. तब शिव कैलाश पर्वत चले गए और विष की गर्मी को कम करने के लिए शिव ने भांग का सेवन किया था. भांग को ठंडा माना जाता है और भांग के सेवन के बाद विष की वजह से उत्पन्न गर्मी से शिव को राहत मिली. इसके बाद से ही भगवान शिव को भांग बहुत प्रिय हो गया. यही वजह है कि भगवान शिव की पूजा के दौरान भांग का इस्तेमाल किया जाता है. भांग के बिना शिव जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. मान्यता है कि कि शिव पूजा में भांग अर्पित करने से महादेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं.