Holi Colors Significance And Importance: इस वर्ष होली 8 मार्च 2023, दिन बुधवार को मनाई जा रही है. उससे पहले 7 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन की परंपरा निभाई जायेगी. रंगों के इस त्योहार पर लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों के भी अलग-अलग संकेत होते हैं. इसलिए किसी भी रंग को इस्तेमाल करने से पहले इसका मतलब भी जरूर जान लें.
वैसे को लाल रंग का प्यार का प्रतीक माना जाता है. लेकिन होली के लाल रंग को ऊर्जा, जोश का रंग कहा जा सकता है. होली में लाल रंग का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है. होली में रंग खेलने की शुरुआत भगवान को लाल रंग चढ़ाकर कर सकते हैं. इसके अलावा लाल रंग बच्चों और युवाओं को लगाया जा सकता है. यह उनकी ऊर्जा, जज्बे और जोश को प्रदर्शित करेगा और उनके चेहरे में अलग चमक देगा.
हरा रंग हरियाली का प्रतीक होता है लेकिन होली के हरे रंग का मतलब शीतलता, सुकून और सकारात्मकता है. आप अपनों से बड़ों को अबीर या गुलाल लगाएं तो हरा रंग लगा सकते हैं. देखने में यह रंग आंखों में चुभता भी नहीं और चेहरे पर खिलता भी है.
केसरिया रंग निरोगी तन और मन का प्रतीक है. यह आध्यात्मिकता का प्रतीक है. यह धार्मिक ज्ञान, तप, संयम और वैराग्य का रंग है. शुभ संकल्प का सूचक है. केसरिया रंग को बलिदान का प्रतीक माना जाता है. यह रंग राष्ट्र के प्रति हिम्मत और निस्वार्थ भावनाओं को दर्शाता है. इसलिए होली खेलें और केसरिया रंग में रंग जाएं.
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सफेद रंग को स्वच्छ छवि और आध्यात्मिकता से जोड़कर देखा जाता है. सफेद रंग सब कुछ बाहर की ओर बिखेरता है, कुछ भी पकडक़र नहीं रखता है. इसलिए आपने देखा होगा कि होली वाले दिन तमाम लोग पहले से सफेद रंग को त्वचा पर लगाकर रखते हैं क्योंकि ये रंग किसी और रंग को नहीं चढ़ने देता. इसकी प्रकृति कुछ भी पास रखने की नहीं होती.