बृज के गाँव बछगाँव में होली की अद्भुत परम्परा
सौंख: बृज में कही आपने रंगों की होली, लठ्ठमार होली, कपड़ा फाड़ होली, कीचड़ होली मनाते सुना होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि एक जगह ऐसी भी हैं. जहां एक दूसरे को गुलाल लगाकर जूता-चप्पल मार होली भी खेली जाती है. सुन कर आपको थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन ब्रज की इस अनोखी होली का एक अपना ही अगल अंदाज है, खुटैलपट्टी के गांव बछगांव के लोग अपने से कम उम्र के लोगो को गुलाल लगाकर एक दूसरे के सिर पर जूता चप्पल मार कर होली की शुभकामनाए देते है. ये परंपरा सदियों से चली आ रही है.
गोवर्धन तहसील के गांव बछगांव में विगत सैकड़ों वर्षो से जूता-चप्पल मारकर होली मनाने की पंरपरा है. इस होली में एक खास बात ये भी कि कोई भी किसी को जूता-चप्पल मारकर होली की शुभकामनाऐं देते है. इसके बाद बुजुर्ग होली, बृजगीत, रसिया समेत अन्य प्रकार की गीतों के सहारे भजन कीर्तन करते है.
इस प्रकार बृज में बछगांव में होली की अद्भूत परपंरा है. होली पर्व आने वाला है. अभी तक आपने फूल की होली लट्ठमार होली या फिर अलग-अलग अंदाज में मनाई जाने वाली होली देखी या सुनी होगी. लेकिन आज हम आपको अनोखी होली के बारे में बताने जा रहे है. ऐसी होली आपने देश तो क्या पूरी दुनिया में नहीं देखी होगी. गोवर्धन के गांव बछगांव है. जहां जूता चप्पल मार होली खेली जाती है. यहां की होली को शांतिपूर्ण तरीके से पर्व के रूप में मनाया जाता है. गांव के सभी लोगो को बुलाया जाता है उम्र के बरावर के लोगो द्वारा एक दूसरे गुलाल लगाकर जूते चप्पल मारकर स्वागत किया जाता है.
कुंवर बलजीत सिंह व प्रशांत सिंह के अनुसार यह परपंरा 100-150 वर्ष पुराना है. जूते मार होली अंग्रेजों द्वारा किए गए जुल्म का विरोध करने के लिए ये होली खेली जाती है. होली के दिन सुबह से शाम तक सभी लोग इसी प्रकार होली खेलते है. इसके बाद बुजुर्गो द्वारा फाल्गुन के रसियों पर थिरकते नजर आते है.