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Holi 2023: होली पर क्यों पहनते हैं सफेद रंग के कपड़े? कारण और महत्व जानें

होली 2023 आने वाली है. ऐसे में तैयारियां शुरू हो चुकी है. कपड़ों से लेकर रंग-गुलाल, मिष्ठान आदि की खरीदारी कुछ दिनों में शुरू हो जाएगी. लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि ज्यादातर लोग व्हाइट कपड़े में ही क्यों होली खेलना पसंद करते हैं? आइए आपको बताते हैं इसके दो महत्वपूर्ण कारण...

Holi 2023: इस वर्ष होली 8 मार्च, दिन बुधवार को मनाई जा रही है. यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग सारे गिले और शिकवे भूल कर गले मिल जाते हैं और एक-दूसरे का रंग लगाते हैं. यह पर्व शांति और भाईचारे का प्रतीक है. लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि ज्यादातर लोग होली के दिन व्हाइट यानी सफेद कपड़े में ही क्यों होली खेलना पसंद करते हैं? आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का कारण..

शांति का प्रतीक है होली

होली शांति का प्रतीक है और सफेद रंग भी शांति और सकारामकता का प्रतीक है. होली का दिन आपसी रंजिश को दूर करके मेल और भाईचारे की भावना से जीना सीखाता है. यह गिले-शिकवे भूलाकर गले लगने का त्योहार है. ऐसे में इस दिन लोग सफेद कपड़े पहनना पसंद करते हैं. सफेद रंग पर हर रंग चढ़ जाता है.

सदभावना के साथ होली मनाने का देते हैं संदेश

सफेद रंग के कपड़े पहन कर लोग खुशियों और शांति के पर्व को सदभावना के साथ मनाने का संदेश देते हैं.

सकारात्मकता फैलाता है सफेद रंग

सफेद रंग को सकारात्मकता फैलाने वाला माना जाता है. इसलिए होली पर लोग इस रंग के कपड़े पहना पसंद करते हैं.

होलिका दहन के दिन भी सफेद रंग के कपड़े पहनने का है महत्व

ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के दिन सफेद कपड़े पहनने से घर में सुख-शांति आती है.

व्हाइट कपड़ों में गुलाल का रंग उभरता है

इसके अलावा होली पर सफेद कपड़े पहनने के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण है यह है कि व्हाइट कपड़ों में गुलाल का रंग उभर कर आता है. जिससे तस्वीरें अच्छी आती हैं. हर रंग यह दर्शाता है कि आपने होली कितनी मजे में खेली है. इस कारण भी लोग होली पर सफेद कपड़ा पहनना पसंद करते हैं.

महिलाएं और पुरुषों का पहनावा

आमतौर पर महिलाएं व्हाइट कुर्ती पर एक दुपट्टा लेती है. ये या तो रंग-बिरंगी होती है या सफेद. जबकि पुरुष व्हाइट कुर्ता-पजामा पहनना पसंद करते हैं.

ठंडक का एहसास कराता है सफेद रंग

होली के साथ ही गर्मी की भी शुरुआत हो जाती है ऐसे में इस रंग के कपड‍़े पहनने से गर्मी का एहसास कम होता है और ठंडक महसूस होती है.

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होली 2023 कब है, होलिका दहन की तारीख

होली दो दिनों का उत्सव है. जो 7 मार्च यानी होलिका दहन के साथ शुरू हो जायेगी. जबकि 8 मार्च को रंगों की होली खेली जायेगी. धार्मिक शास्त्रों की मानें तो यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. जैसा कि सभी जानते हैं होलिका दहन पर राक्षस हिरणकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका द्वारा मरवाने की कोशिश करता है. होलिका अपने भाई का आदेश मानते हुए विष्णु भक्त प्रहलाद को लेकर जलती आग पर बैठ जाती है. क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह जलेगी नहीं इसलिए वह ऐसा करती है. लेकिन, भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु का नाम जपते रहते हैं और वे सुरक्षित रह जाते हैं और जबकी होलिका का आग में जल कर मर जाती है.

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