Holi Kavita : सनातन जीवटता

Happy holi ; हिंदी कविता शशांक भारद्वाज. तबहू खेलेंगे होली

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2024 8:49 AM
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-शशांक भारद्वाज-

पीने के पानी का प्रबंध हो जाये
हमहू खेलेंगे होली
नहीं प्रबंध होगा
तबहू खेलेंगे होली

दो समय रोटी का प्रबंध हो जाये
हमहू खेलेंगे होली
नहीं प्रबंध होगा
तबहू खेलेंगे होली

बेटे के लिए एक पिचकारी का प्रबंध हो जाये
हमहू खेलेंगे होली
नहीं प्रबंध होगा
तबहू खेलेंगे होली

बिटिया के लिए एक फ्राक का प्रबंध हो जाये
हमहू खेलेंगे होली
नहीं प्रबंध होगा
तबहू खेलेंगे होली

धनिया के लिए एक साड़ी का प्रबंध हो जाये
हमहू खेलेंगे होली
नहीं प्रबंध होगा
तबहू खेलेंगे होली

कल की जीविका का प्रबंध हो जाये
हमहू खेलेंगे होली
नहीं प्रबंध होगा
तबहू खेलेंगे होली

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