Holi 2022: गुलाल, पिचकारी, मुखौटों से सजा होली का बाजार, जमकर चल रही है खरीदारी

Holi 2022: होली का बाजार गुलजार दिख रहा हैं. होली के के चटख रंग में बाजार रंग गया है. दो साल बाद हर तरफ होली त्योहार का धूम है. बाजार में भी इन दिनों रौनक बढ़ गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2022 1:14 PM

Holi 2022: पिछले दो वर्षों में वैश्विक महामारी कोरोना का असर होली का त्योहार पर भी पड़ा है. इस बार परिस्थितियां सामान्य होने की वजह से बाजार गुलजार दिख रहे हैं. होली (Holi 2022) के चटख रंग में बाजार रंग गया है. दो साल बाद हर तरफ होली त्योहार का धूम है. बाजार में भी इन दिनों रौनक बढ़ गई है.

बाजार में पिचकारी की धूम

इस होली कई तरह की पिचकारी बाजार में धूम मचा रही है. जिसमें डबल धार वाली पिचकारी, मूविंग गन वाली पिचकारी, रंगों वाले पटाखे, पानी की जगह गुलाल उड़ाने वाले पिचकारी शामिल है. बच्चों को खासकर थ्री डी बार्बी डॉल पिचकारी, स्पाइडर मैन पिचकारी, बटर फ्लाई पिचकारी का खासा क्रेज है. पिंक डॉली पंप को खासतौर पर लोग पसंद कर रहे है. यह पिचकारी म्यूजिकल है. पानी के साथ होली का गाना भी इसमें बजता है.

Holi Colour: हर्बल गुलाल की मांग भी कम नहीं

रंगों के त्योहार के लिए बाजारों में हर्बल गुलाल की जमकर बिक्री हो रही है. केमिकल वाले रंग-गुलाल से परहेज करने वाले इस तरह के गुलाल खरीद रहे हैं, जिसे गुलाब व गेंदे के फूल से तैयार किया गया है. ग्लिटरिंग गुलाल व तिरंगा गुलालों की भी खरीदारी जमकर हो रही है.

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Holi Food: मधुमेय रोगियों के लिए स्पेशल गुजिए से सजा है बाजार

होली पर गुजिया की धूम मची हुई है. साथ ही आम दुकानों पर भी गुजिया की विशेष पैकेजिंग के साथ बिक्री की जा रही है. गुजिया भी सिल्वर तवे में खूबसूरती के साथ पैक किया गया है. मधुमेय के रोगियों के लिए शक्कर मुक्त गुजिया भी बाजारों में मौजूद है. खजूर व अंजीर डाल कर तैयार किया जाता है. जो स्वाद में मीठा तो होता है. लेकिन मधुमेय रोगियों को ज्यादा नुकसान नहीं करता है.

होली कब है? जानें सही तारीख

होली कब है इस बात को लेकर भी इस बार लोगों के मन में संशय है. इस बार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च से शुरू होकर 18 मार्च को दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी. इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी. और प्रतिपदा तिथि 19 मार्च को दोपहर 12:13 बजे तक रहेगी. रंगों की होली प्रतिपदा तिथि में ही खेली जाती है. ऐसे में कुछ लोग रंगोत्सव के लिए 18 मार्च को सही तिथि मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग उदया तिथि को मानते हुए 19 मार्च को

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