Holi 2020: होली की खुमारी में हर कोई डूबा है. रंग और पिचकारी से बाजार सज गये हैं. होली की मस्ती में डूबने को हरकोई तैयार है. यूं तो होली त्योहार है रंगों का, लेकिन घटिया केमिकल युक्त रंग होली के रंग में भंग भी कर सकता है. कई बार सस्ते रंगों के चक्कर में फंसकर लोग केमिकल वाले रंग घर ले आते हैं. जिसकी वजह से त्वचा और सेहत दोनों को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में रंगों की खरीदारी करते समय सावधानी जरुर बरतें.
रंग खरीदते समय उसकी पैकेजिंग को ढंग से देखना बिल्कुल न भूलें. इस पर लिखी रंगों को बनाने में उपयोग हुई सामग्रियों को ध्यान से पढ़ लें. अगर पैकेट में लिखा है कि रंग को बनाने के लिए गुलाब, हल्दी, जैसी चीजों का इस्तेमाल हुआ है, तो यह कलर नैचुरल होगा.
केमिकल वाले रंगों में स्पार्कल मिला होता है. ये रंग दिखने में काफी चमकीले होते हैं. जबकि, प्राकृतिक रंग हल्के होते हैं.
होली के रंग खरीदते समय पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट भी जरूर देखना चाहिए. अक्सर प्राकृतिक रंगों की एक्सपायरी डेट 6-7 महीने की होती है.
ऑर्गेनिक रंग के फायदे :
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नेचुरल होली कलर्स से होली खेलने पर आपकी स्किन और बाल दोनों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता.
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अगर होली खेलते समय रंग मुंह में भी चला जाए तो शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता.
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नहाने के बाद यह रंग जल्दी से शरीर से उतर जाते हैं.
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इन रंगो की खुशबू अच्छी होती है. ऐसे लोग जिन्हें एलर्जी की वजह से छींके आने लगती है, उनके लिए ऑर्गेनिक कलर्स सबसे बेस्ट हैं.