घर, ऑफिस या दुकान में एक-दो जगहों को छोड़कर जिस भी जगह बाथरूम व टॉयलेट बनाएं, ये नकारात्मक लाता है. शायद यही एक वजह है, जिसकी वजह से पुराने समय में बाहर टॉयलेट बनाए जाते थे. इन दिनों ज्यादातर घरों में रूम के साथ ही बाथरूम व टॉयलेट बनाए जाते हैं. ऐसे में बाथरूम से जुड़े कुछ उपाय आपको नेगेटिविटी और नुकसान से बचा सकते हैं. तो आइए जानते है, दुकान में टॉयलेट की दिशा से जुड़े वास्तु दोष के निवारण के लिए ये वास्तु उपाय.
उत्तर – ये करियर का जोन है. अगर इस डायरेक्शन में टॉयलेट होगा तो आपको करियर संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. यह करियर और इनकम ग्रोथ में बाधा डाल सकता है.
दक्षिण – इस दिशा में टॉयलेट बनाने से तरक्की रुक सकती है. ऐसे में अगर आप मेहनत भी कर रहे होंगे तो भी आपके करियर की ग्रोथ नहीं होगी और आपके काम की तारीफ नहीं होगी.
पूर्व –इस दिशा में टॉयलेट बनाने से घर-परिवार के सम्मान और संपन्नता में बाधा आ सकती है. इससे हेल्थ भी खराब हो सकती है.
उत्तर-पूर्व -इस दिशा में भूलकर भी टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए. इससे हेल्थ पर भी खराब असर पड़ सकता है और ब्रेन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. इससे आप बिना वजह स्ट्रेस में रहेंगे और शांतिपूर्ण माहौल नहीं मिलेगा.
दक्षिण-पश्चिम – इस दिशा में टॉयलेट बनाने से फैमिली मेंबर्स के बीच अनबन बनी रहती है और रिलेशनशिप भी खराब हो सकते हैं. इससे फैमिली की लाइफ में स्थिरता भी नहीं आती.
दक्षिण-पूर्व – साउथ-ईस्ट जोन में टॉयलेट बनाना भी नुकसानदायक हो सकता है. ऐसा करने से घर के स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर भी नेगेटिव असर ड़ाल सकता है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के बाथरूम में किसी भी प्रकार की तस्वरी नहीं होनी चाहिए. बाथरूम के अंदर उचित दिशा में एक छोटा सा आईना लगाना सही रहता है. इसके अलावा बाथरूम में किसी प्रकार के पौधे लगाना भी उचित नहीं माना गया है.
बाथरूम में भूलकर भी मटमैले, काले, बैंगनी और कत्थई रंग के बाल्टी या मग नहीं रखना चाहिए. वहीं बाथरूम में नीले रंग के मग और बाल्टी रखने से वास्तु दोष दूर होता है.
संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
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