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Summer Vacations: गर्मी की छुट्टियों में बच्चे कैसे बढ़ाएं अपना ज्ञान और कौशल

Summer Vacations: गर्मी की छुट्टियों का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. हो भी क्यों न! एक साथ इतनी लंबी छुट्टी जो मिलती है, लेकिन छुट्टियों में अक्सर सुबह देर तक सोना, दिन भर ढेर सारी धमाचौकड़ी करना, वीडियो गेम्स या कंप्यूटर से चिपके रहना आम बात हो जाती है.

Summer Vacations: गर्मी की छुट्टियों का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. हो भी क्यों न! एक साथ इतनी लंबी छुट्टी जो मिलती है, लेकिन छुट्टियों में अक्सर सुबह देर तक सोना, दिन भर ढेर सारी धमाचौकड़ी करना, वीडियो गेम्स या कंप्यूटर से चिपके रहना आम बात हो जाती है. इस बार क्यों न बच्चों कुछ नया ट्राय करो, जिससे यह छुट्टियां हमेशा के लिए यादगार साबित हों. छुट्टियों का लाभ लेने के लिए तुम्हें प्लानिंग करने की जरूरत है. तो यहां जानों कि किस तरह तुम इन छुट्टियों का लाभ उठा सकते हो.

बच्चों, गर्मी की छुट्टियों का अर्थ पढ़ाई से दूरी बनाना बिल्कुल भी नहीं होता. हां, मस्ती भी हो और साथ में कुछ नया सीखने, जानने और पढ़ने की ललक बनी रहे, तो छुट्टियों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है. ऐसा करके तुम अपने ज्ञान और दक्षता को बढ़ा सकते हो. कुछ बातों पर अमल करके तुम अपनी इस छुट्टी का रचनात्मक तथा बेहतर उपयोग कर सकते हो.

अपना रूटीन बनाये रखो

छुट्टियों का मतलब यह नहीं है कि तुम देर तक सोते रहो. इस ब्रेक में क्यों न तुम सुबह जल्दी उठ कर वह सब करो, जिसे तुम स्कूल टाइम में नहीं कर पाते. इससे एक तो तुम्हारा सुबह उठने का रूटीन बना रहेगा, दूसरे तुम तंदुरुस्त भी रहोगे. अपने घर के पास बने पार्क में सुबह टहलने के लिए जाओ. वहां खिले रंग-बिरंगे फूलों, इधर-उधर फुदकती गिलहरियों, तरह-तरह की पक्षियों के बीच कुछ समय बिताओे. सुबह सूरज की हल्की-हल्की रोशनी, ताजी और ठंडी हवा में घूमते हुए देखना तुम काफी ताजगी महसूस करोगे. पार्क में अपने दोस्तों के साथ एकाध घंटा अपना पसंदीदा खेल खेलने में भी तुम्हें बड़ा मजा आयेगा.

पढ़ने की आदत को दो उड़ान

मोबाइल में उलझे रहने से ज्यादा जरूरी किताबें पढ़ना है. आमतौर पर पढ़ाई के दौरान सिलेबस के बाहर की किताबें तुम नहीं पढ़ पाते होगे, तो क्यों न इन छुट्टियों का फायदा उठाओ. अपनी पसंदीदा लेखक की कहानियां, किताबें, नॉवेल्स ही नहीं, लाइट कॉमिक्स बुक्स और इंर्फोमेटिव मैगजीन्स के साथ हर दिन अखबार भी पढ़ो. देखना तुम्हें कितना मजा आयेगा. यह भी जरूरी नहीं कि तुम ये सारी बुक्स और मैगजीन बाजार से ही खरीदो, अपने दोस्तों से तुम एक्सचेंज भी कर सकते हो.

बनाओ अपने घर में एक लाइब्रेरी

क्यों न इन छुट्टियों में तुम अपने दोस्तों के साथ मिल कर अपनी एक छोटी-सी लाइब्रेरी ही बना लो. आमतौर हर किसी के घर में अलग-अलग मैगजीन्स, बुक्स आती होंगी और एक टाइम के बाद उनके लिए वे वेस्ट हो जाती हैं. वे सभी किताबें, पत्रिकाएं शायद तुम और तुम्हारे दोस्तों के लिए नयी हों. तुम लोग उनसे रिक्वेस्ट करके उनसे ले लो और इस कलेक्शन को बेसमेंट या जहां भी जगह हो, वहां लाइब्रेरी का रूप दो. देखना तुम्हारे पास कितनी नयी-नयी पुस्तकें इकट्ठी हो जायेंगी, जो दूसरों के काम भी आयेंगी. ये पुस्तकें बेशकीमती साबित होंगी. इस लाइब्रेरी का महत्व तुम्हें तब समझ आयेगा, जब तुम बड़े हो जाओगे.

कुछ नया सीखने का प्रयास

तुम जानते हो कि आज की दुनिया नॉलेज और स्किल की दुनिया है. तुम्हारे पास जितना अधिक ज्ञान व कौशल होगा, लोग उतना ही तुम्हारी कद्र करेंगे. ऐसे में जरूरी है कि अपने ज्ञान व कौशल को निरंतर बढ़ाया जाये. एक अच्छा विद्यार्थी वही कहलाता है, जो हर दिन कुछ नया सीखने के लिए प्रयासरत रहता है. उदाहरण के लिए हर दिन तुम पांच नये शब्दों (हिंदी या अंग्रेजी) सीख सकते हो. इससे तुम्हारे मस्तिष्क में शब्दों का अच्छा संग्रह बन जायेगा. तुम किसी विशेषज्ञ से रुचि के अनुसार संगीत, नृत्य आदि की भी शिक्षा ले सकते हो.

अपनी हॉबी को दो टाइम

पढ़ाई के दौरान तुम चाहते हुए भी अपनी हॉबी को पूरे नहीं कर पाते. क्यों न इन छुट्टियों का तुम फायदा उठाओ. कुछ समय निकालो और अपनी हॉबीज पूरी करो. इससे तुम काफी रिलेक्स होगे. पेंटिंग करना, पेपर मैशी, क्ले मॉडलिंग, एंब्रायडरी, वेस्ट मेटीरियल के रीयूज से बनी चीजें और आर्ट एंड क्राफ्ट से कई चीजें बना सकते हो और अपने माता-पिता को भी सरप्राइज दे सकते हो. इसके लिए तुम्हें किसी से सीखने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, यूट्यूब पर सर्च करोगे तो अपने इंटरेस्ट की अनलिमिटेड जानकारी आसानी से मिल जायेगी.

ऐतिहासिक स्थानों की करो सैर

संचार और तकनीक ने हमारी दुनिया को जितनी तेजी से बदला है, उतना किसी अन्य चीज ने नहीं बदला है. ऐसे में इस बार की गर्मी छुट्टी में किसी ऐतिहासिक जगह की सैर का प्लान बना लो. बात जब ऐतिहासिक धरोहर से जुड़े स्थानों पर जाने की हो, तो ऐसे स्थानों पर जाने से कुछ अलग दृश्य देखने को तो मिलते ही हैं, हमारा सामान्य ज्ञान भी मजबूत होता है. इससे तुम जान पाओगे कि हमारा अतीत कैसा था. अतीत से जुड़ी वे तमाम यादें आज धरोहर के रूप में हमारे सामने है. इन्हें देखने मात्र से गौरव की अनुभूति होती है. ये धरोहर भारतीय संस्कृति की विशिष्टता के प्रतीक हैं. लाल किला, इंडिया गेट, ताजमहल जैसे धरोहर देश की शान हैं. इस छुट्टी अगर घूमने का मन हो तो इन धरोहरों को देखने तुम जा सकते हो.

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