मानसून के दौरान फंगल इंफेक्शन से कैसे बचें, जानें एक्सपर्ट की राय

मानसून गर्मी से राहत दिलाता है लेकिन साथ ही अपने साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम्स भी लेकर आता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उच्च वायु आर्द्रता में बीमारियां फैल सकती हैं फंगल इंफेक्शन पनप सकती हैं. ये फंगल इंफेक्शन बहुत दर्दनाक हो सकते हैं और अक्सर इलाज करना मुश्किल हो जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2023 11:31 AM

Fungal infection during monsoon: मानसून साल का वह समय होता है जिसका सभी को काफी इंतजार रहता है क्योंकि यह मौसम प्रचंड गर्मी से बहुत राहत दिलाता है. भारत में, यह वर्ष का वह समय है जब लोग बारिश के दृश्य के साथ कुरकुरे पकौड़े के साथ गर्म चाय पीने का आनंद लेते हैं. लेकिन साथ ही यह अपने साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम्स भी लेकर आता है. बरसात का मौसम वह समय होता है जब फंगल इंफेक्शन सबसे आम होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उच्च वायु आर्द्रता में बीमारियां फैल सकती हैं फंगल इंफेक्शन पनप सकती हैं. ये फंगल इंफेक्शन बहुत दर्दनाक हो सकते हैं और अक्सर इलाज करना मुश्किल हो जाता है. आगे पढ़ें मानसून में क्यों हो सकते हैं फंगल इंफेक्शन, कारण और बचाव के उपाय क्या हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

स्किन एक्सपर्ट के अनुसार फंगल ज्यादातर गर्म, गीली स्थितियों, बारिश से उत्पन्न नमी में पनपते हैं. इसके अतिरिक्त, फफूंद गीले वातावरण जैसे कपड़ों और जूतों में भी पनपती है जिससे विभिन्न गंभीर फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. एक्सपर्ट ने बरसात के मौसम में स्किन की एलर्जी होने के कारण और इससे बचने के तरीके बताये हैं जानें…

फंगल इंफेक्शन के कारण

  • बरसात के मौसम में गीले कपड़े पहनना. कपड़े सूखते नहीं हैं और हम आधे सूखे और गीले कपड़े पहन लेते हैं.

  • बारिश में भीगना. यह आनंददायक लगता है लेकिन इसके बाद अपने कपड़े न बदलने से फंगल इंफेक्शन हो सकता है.

  • तौलिये, साबुन, कपड़े शेयर करना यह फंगस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर करने का कारण बन सकता है.

  • एक ही कपड़े को बिना धोए बार-बार दोहराना भी लोगों के बीच बहुत आम है.

  • पसीना एक प्रमुख कारक है.

  • नियमित रूप से स्नान न करना.

फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय

  • दिन में 2 बार नहाना शुरू करें.

  • नहाने के बाद खुद को पूरी तरह सुखा लें और फिर अच्छी तरह से सूखे कपड़े पहनें.

  • गीले कपड़े न पहनें.

  • रोजाना कपड़े धोएं और इस्त्री करें और यहां तक ​​कि अंडरगारमेंट्स भी.

  • ढीले सूती कपड़े पहनना शुरू करें.

  • कपड़ों और तौलियों को दूसरों के साथ मिलाने और उन्हें एक साथ धोने से बचें.

  • तौलिए और साबुन अलग रखें.

  • नाखून छोटे रखें.

  • हाथों और पैरों के जालों को साफ करें और सूखा रखें.

  • स्वयं किसी तरह की दवा या औषधी न लें.

  • जरूरत पड़ने पर अपने नजदीकी स्किन एक्सपर्ट से परामर्श लें.

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