Panchak Kaal: हिंदू धर्म में पंचक काल का विशेष महत्व है. यह न केवल शुभ-मांगलिक कार्यों में मान्यता प्राप्त करता है, बल्कि अंतिम संस्कारों में भी इसका पालन किया जाता है.
ज्योतिष में, पंचक काल को अशुभ माना गया है. इस समय के दौरान किए गए महत्वपूर्ण कार्यों से बचने की कोशिश की जाती है ताकि हमें अनिवार्य संकट से बचा जा सके.
Also Read: Navratri 2023 Totke: नवरात्रि में बन रहें कई दुर्लभ संयोग, इन वस्तुओं की खरीदारी से धन-वैभव में होगी वृद्धिअगर कोई संकट पंचक काल में आ जाए तो हमें गरुड़ पुराण के अनुसार कुछ विशेष उपाय करने चाहिए. ये उपाय संकट को दूर करने में हमें मदद कर सकते हैं. अगर किसी की मृत्यु उन समय होती है जब पंचक काल लागू हो, तो गरुड़ पुराण के अनुसार, उनके शव के साथ आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर अर्थी के साथ रखने चाहिए और विधि-विधान के साथ दाह संस्कार करना चाहिए.
इस उपाय से पंचक काल का अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है, और परिवार के सदस्यों पर कोई संकट नहीं आता. कई बार होता है कि घर में किसी परिजन की मृत्यु होती है और दाह संस्कार करना आवश्यक होता है, चाहे वह पंचक काल में हो या ना हो. इसे किसी भी मूल्य पर टाला नहीं जा सकता है.
ऐसे समय पर परिवार के सदस्यों को ग्रह-नक्षत्र या पंचक काल का ध्यान नहीं रहता और वे अनजाने में पंचक काल में ही दाह संस्कार कर देते हैं. इसके बारे में गरुड़ पुराण में विशेष उपाय दिए गए हैं.
Also Read: Janam Kundali क्या बता रहा है इस भारतीय क्रिकेटर के बारे में, जानें कैसा रहेगा कप्तान Rohit शर्मा की कुंडलीयदि आप पंचक का उपाय नहीं कर पा रहे हैं, तो आप किसी पुरोहित की मदद से नदी या सरोवर के किनारे पर विधिवत रूप से पंचक काल के अशुभ प्रभाव का निवारण कर सकते हैं. इससे भी परिवार पर कोई संकट नहीं आता.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा