दोस्त तो हजार बन जाते हैं लेकिन, इक्के-दुक्के लोग ही सच्चे दोस्त बन पाते है. वो कहते हैं न ‘अ फ्रेंड इन नीड इज अ फ्रेंड इन डीड’ यानि कि जो दोस्त जरूरत आने पर साथ दे वही आपका पक्का और काम का दोस्त है, लेकिन अभी के समय में सच्चा दोस्त मिल पाना तो दूर की बात, किसी पर भरोसा कर पाना भी मुश्किल है. ऐसे में कैसे हम एक सच्चे दोस्त का चयन कर पायेंगे. यह काम है तो मुश्किल लेकिन नामुमकिन नहीं है. जी हां, आज हम आपको कुछ खूबियों के बारे में बतायेंगे, जिसके जरिये आपको एक अच्छे व सच्चे दोस्त की पहचान करने में आसानी होगी. आइये, जानते हैं उन खूबियों के बारे में.
यूं तो हर रिश्ते की नींव भरोसे पर टिकी रहती है, लेकिन दोस्ती में भरोसे की जगह सबसे ऊपर है. अगर आपका दोस्त निस्वार्थ भाव से आप पर भरोसा करता है. किसी भी सुनी-सुनाई बातों के आधार पर आप पर सवाल नहीं खड़ा करता हो. साथ ही आपके हर फैसले पर आपका साथ देता और आपके ऊपर विश्वास करता हो, तो वो आपका सच्चा दोस्त है.
ऐसा दोस्त जो मुसीबत के समय आपका साथ दे, आपको सही सलाह है. जब सब आपके खिलाफ हो तो वो आपके साथ खड़ा रहे. परेशानी आने पर आपकी मदद के लिये एक टांग पर खड़े रहे और जो आपकी खामोशी में छुपे दर्द को भी समझ जाये, तो समझ लीजियेगा कि वही आपका सच्चा दोस्त है.
कुछ दोस्त ऐसे होते हैं, जो आपके सामने तो सबसे अच्छा बनते है, लेकिन दूसरी तरफ आप ही की दूसरों से बुराई करते हैं. लेकिन वो, जो आपके सामने भी और पीछे भी केवल आपकी प्रशंसा करे. इतना हीं, दूसरों के द्वारा आपके बारे में गलत बातें करने पर उनसे ही उलझ जाये. तो समझ जाइयेगा कि वही आपका सच्चा दोस्त है.
एक दोस्त जो आपको हमेशा प्ररित करे. निराश होने पर आपको प्रोत्साहित करें. आपका मनोबल बढ़ाये. आपको आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करे, तथा हर मुसीबत में आपके साथ खड़े रहे, आर्थिक न सही, लेकिन शारीरिक और मान्सिक रूप से आपका साथ है. वही आपके सच्चे दोस्त की पहचान होगी. इस दोस्त को कभी खोने न दें.
एक सच्चा दोस्त वही होता है जो हमें भटकने से बचाये व हमारा सही मार्गदर्शन करे. कोई भी गलती होने पर हमें समझाये. न कि, हमें कोसे या गलत ठहराये. अगर आपका दोस्त एक अच्छा इंसान बनने में आपकी मदद करता है, तो वो आपका एक सच्चा दोस्त है.