कोरोना काल में सपना दास ने अपनी कला से घर को दिया ऐसा रूप, देखने वाले कह उठे वाह…
Coronaviurs in india : वर्ष 2020 को कोरोना वायरस ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है. देश में कोरोना का संक्रमण एक करोड़ के आसपास पहुंच चुका है. झारखंड की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी चोट किया, कई लोगों की नौकरी भी चली गयी. ऐसे में कई लोग डिप्रेशन के शिकार हुए और कइयों ने तो आत्महत्या जैसा कदम भी उठाया. ऐसे में कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने तमाम नकारात्मकता से ऊपर उठकर क्रियेटिव काम किया और दूसरों के लिए प्रेरणा बने. रांची की रहने वाली सपना दास ने ऐसे ही लोगों में शामिल हैं. इन्होंने अपने घर की सीढ़ियों पर अपनी कला को कुछ इस तरह उकेरा है कि देखने वाले अचंभित हैं और उनके मुंह से सिर्फ वाह ही निकल रहा है.
Coronaviurs in india : वर्ष 2020 को कोरोना वायरस ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है. देश में कोरोना का संक्रमण एक करोड़ के आसपास पहुंच चुका है. झारखंड की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी चोट किया, कई लोगों की नौकरी भी चली गयी. ऐसे में कई लोग डिप्रेशन के शिकार हुए और कइयों ने तो आत्महत्या जैसा कदम भी उठाया. ऐसे में कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने तमाम नकारात्मकता से ऊपर उठकर क्रियेटिव काम किया और दूसरों के लिए प्रेरणा बने. रांची की रहने वाली सपना दास ने ऐसे ही लोगों में शामिल हैं. इन्होंने अपने घर की सीढ़ियों पर अपनी कला को कुछ इस तरह उकेरा है कि देखने वाले अचंभित हैं और उनके मुंह से सिर्फ वाह ही निकल रहा है.
सपना दास ने अपने घर की पूरी सीढ़ियों और कमरे की दीवारों पर geometrical पेंटिंग की है. जो देखने में ना सिर्फ बहुत खूबसूरत हैं, बल्कि मन को सुकून देने वाली है. सपना दास का कहना है कि मैंने पेंटिंग में सिर्फ ब्लैक एंड व्हाइट कलर का इस्तेमाल किया है. इसकी वजह यह है कि हम अकसर कलरफुल कपड़े पहनते हैं, ऐसे में अगर मैं इन पेंटिंग्स में भी कलर भर देती तो ये उस तरह कर उभरकर नहीं आते और लोगों का ध्यान भी इनपर नहीं जाता.
लेकिन यह ब्लैक एंड व्हाइट हैं इसलिए कोई भी जब सीढ़ियों पर चढ़ता है उसकी नजर इन पेंटिंग्स पर चली जाती है, जो मन को बहुत सुकून देती है. सपना दास ने बताया कि कोरोना काल में कहीं आना-जाना नहीं था और समय काफी था. मैं समझ नहीं आ पा रही थी कि आखिर इस समय का मैं कैसे सद्पयोग करूं. फिर अचानक मेरे मन में यह ख्याल आया कि क्यों ना मैं पेंटिंग करूं.
घर की दीवारों पर कुछ पेंटिंग्स मैंने पिछले साल बनाना शुरू किया था जिसे मैं पूरा नहीं कर पायी थी. लेकिन कोरोना काल में मैंने इसे पूरा कर दिया. पेंटिंग में मैंने फैब्रिक कलर का इस्तेमाल किया है, जो आसानी से उपलब्ध होते हैं. मेरी दो बेटियां हैं, जिन्होंने इस काम में मेरी मदद की.
सपना दास रांची के जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली स्कूल में आर्ट टीचर हैं. उनके पिता आर्मी में थे. दीपाटोली के केंद्रीय विद्यालय से इन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी की है और महिला कॉलेज से बीए किया है. 2010 से यह टीचिंग के जॉब में हैं. इनके पति भी ऑर्ट टीचर हैं, वे केराली स्कूल में अध्यापन का काम करते हैं.
सपना दास कहती हैं कि मैं अपने स्टूडेंट्स को भी यह सीखाने की कोशिश करती हूं कि खाली समय में क्रियेटिव रहें, ऑनलाइन क्लास के दौरान भी मैं बच्चों को ऑर्ट बनना बताती हूं, अभी क्रिसमस आ रहा है, तो उससे जुड़े ऑर्टवर्क भी मैं उन्हें बता रही हूं. ऑर्ट से ना सिर्फ हमारे मन को सुकून मिलता है बल्कि पॉजिटिव एनर्जी भी मिलती है.
सपना दास अपने हाथों से ज्वेलरी बनाने का काम भी करती हैं और इस कोरोना काल में उन्होंने कई तरीके के ईयररिंग्स और नेकलेस को ट्राई भी किया है. इसके साथ ही ये रंगोली भी बहुत खूबसूरत बनाती हैं.
Posted By : Rajneesh Anand