24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Independence Day 2023 पर अगर वाघा बॉर्डर की बीटिंग रिट्रीट सेरिमनी देखने का मना रहे हैं मन,तो जान लें ये बातें

Independence Day 2023, Beating Retreat At Wagah Border: वाघा-अटारी बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच एक अहम स्थान है. यह भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित एक गांव है, जो अमृतसर (भारत) और लाहौर (पाकिस्तान) के बीच गैंड ट्रंक रोड पर है. बाघा बार्डर को नियमित रूप से पर्यटकों के लिए खोला जाता है.

  • वाघा-अटारी बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच एक अहम स्थान है

  • इस स्थान को इसके बीटिंग रिट्रीट समारोह के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जाता है

  • वाघा बॉर्डर सेरेमनी (Wagah Border Ceremony) के दौरान राष्ट्रगान बजता है

Independence Day 2023, Beating Retreat At Wagah Border: हर साल की तरह इस साल भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इस दिन लोग घूमने का प्लान भी बनाते हैं. हम आपके लिए लेकर आ रहे हैं ऐसे टूरिस्ट प्लेसेज की जानकारी जो देशभक्ति को हमारे अंदर बढ़ा देता है. इसी सीरिज के अंतर्गत आज हम आपको बताने वाले हैं वाघा बॉर्डर की बीटिंग रिट्रीट सेरिमनी के बारे में. वाघा-अटारी बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच एक अहम स्थान है. यह भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित एक गांव है, जो अमृतसर (भारत) और लाहौर (पाकिस्तान) के बीच गैंड ट्रंक रोड पर है. बाघा बार्डर को नियमित रूप से पर्यटकों के लिए खोला जाता है.

Also Read: Independence Day 2023 Temple Visit: हरिद्वार में है ये Bharat Mata Mandir, जानें क्यों है खास

जानें क्या है वाघा-अटारी सीमा समारोह

वाघा बॉर्डर मूल रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच एक सड़क सीमा है. इस स्थान को इसके बीटिंग रिट्रीट समारोह के कारण एक बहुत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जा सकता है जो हर दिन सूर्यास्त से ठीक पहले 2 घंटे के लिए आयोजित किया जाता है. समारोह में भारत से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सैनिक और पाकिस्तान से पाकिस्तान रेंजर्स भाग लेते हैं. एक ध्वज समारोह और एक मार्चिंग समारोह जिसे अक्सर कहा जाता है मूर्खतापूर्ण वॉक समारोह प्रतिदिन आयोजित किए जाते हैं. समारोह का समापन राष्ट्रीय झंडों को फहराने और द्वारों को बंद करने से होता है.  

वाघा बॉर्डर सेरेमनी (Wagah Border Ceremony), जिसे बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) के नाम से अधिक जाना जाता है, यह 1959 में शुरू हुई थी. वाघा बॉर्डर सेरेमनी (Wagah Border Ceremony) का उद्देश्य पूर्ण रूप से सीमा को बंद करना और दोनों देशों के राष्ट्रध्वज को उतारना है. ध्वज उतारने का ये कार्यक्रम हर रोज सूर्यास्त से पहले होता है. हालांकि वक्त के साथ इसमें थोड़ा सा मनोरंजन का पुट भी घुल गया है लेकिन यह सेरेमनी राष्ट्रप्रेम का ज्वार भी लोगों के दिलों में जगा देती है.

वाघा बॉर्डर सेरेमनी (Wagah Border Ceremony) के दौरान राष्ट्रगान बजता है, देशभक्ति के नारे लहराए जाते हैं. इसके साथ ही कई बार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. इसमें भारत के अलावा दूसरे देशों के लोग भी हिस्सा लेते हैं.

बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) का समय क्या है?

स्टेडियम का साइज लिमिटेड है इसलिए हर कोई अंदर नहीं जा सकता है. यहां सीट फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के आधार पर मिलती हैं. आपको यहां सर्दियों में दोपहर ढाई बजे पहुंच जाना चाहिए जबकि गर्मियों में 3 बजे. बॉर्डर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है. बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) सर्दियों में सवा चार बजे जबकि गर्मियों में सवा पांच बजे शुरू हो जाती है.

अगर संभव हो तो बीएसएफ कैंट, खासा गांव जाकर आप अडवांस में अपनी सीट बुक करा सकते हैं. ये गांव अटारी बॉर्डर (Attari Border) से कुछ ही दूरी पर स्थित है. यहां कहीं भी जाने से पहले अपना आईडी कार्ड साथ रखना न भूलें.

वाघा बॉर्डर का इतिहास

वाघा बॉर्डर समारोह को लोकप्रिय रूप से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के रूप में जाना जाता है, बता दें कि इसे 1959 में शुरू किया गया था और इसके लिए दोनों देशों की सरकार द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी. अटारी बॉर्डर समारोह दोनों राष्ट्रों के बीच प्रतिद्वंद्विताम, सहयोग और  भाईचारे का प्रतीक है. बता दें कि जुलाई 2011 से BSF की महिला गार्ड भी इस समारोह का हिस्सा बनी हुई है.

Also Read: Independence Day 2023 Temple Visit: इस मंदिर में हर 15 अगस्त को फहराया जाता है तिरंगा,जानें इसके पीछे की कहानी

वाघा कैसे पहुंचे

वाघा आपकी रगों में दौड़ रही देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना को महसूस करने के लिए एकदम सही जगह है. यह लगभग 400, 1,403, 2,093 और 1,691 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता क्रमश. वाघा की यात्रा के लिए आप इन मार्गों का प्रयोग कर सकते हैं.

एयर द्वारा
अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी कहा जाता है, वाघा सीमा तक पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है. वहां से, लगभग 25 किमी दूर सीमा तक पहुँचने के लिए टैक्सी या परिवहन के किसी अन्य साधन की आवश्यकता होगी. यहां उन भारतीय शहरों की सूची दी गई है जहां से वाघा के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं

  • दिल्ली से अमृतसर की फ्लाइट

  • मुंबई से अमृतसर की फ्लाइट

  • बेंगलुरु से अमृतसर की फ्लाइट

  • हैदराबाद से अमृतसर की फ्लाइट

  • जयपुर से अमृतसर की फ्लाइट

ट्रेन से

ट्रेन के जरिए कनेक्टिविटी भी काफी अच्छी है. अगर आप ट्रेन से वाघा पहुंचना चाहते हैं तो आप इन तीन रेलवे स्टेशनों में से किसी पर भी ट्रेन से उतर सकते हैं: अटारी, खासी या अमृतसर जंक्शन. स्टेशन से, सीमा तक पहुँचने के लिए कोई टैक्सी या बस ले सकता है.

रास्ते से

कुल मिलाकर वाघा सीमा तक सड़क संपर्क काफी अच्छा है. सड़क मार्ग से वाघा तक पहुँचने के लिए आप या तो कैब, निजी या अंतरराज्यीय बस से यात्रा कर सकते हैं या यदि यह आपके लिए सुविधाजनक है, तो अपना वाहन लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें