Indian Armed Forces Flag Day 2022 significance, history, importance: आज यानी 7 दिसंबर को भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है. 28 अगस्त, 1949 को रक्षा मंत्री ने एक कमेटी का गठन किया था, इसी कमेटी के फैसले के बाद से झंडा दिवस हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है. आइए जानें इस इस दिन का इतिहास और इसका महत्व
इस दिन को मनाने के लिए, भारतीय सशस्त्र बलों की सभी तीन शाखाएँ – भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना (IAF) और भारतीय नौसेना – आम जनता को दिखाने के लिए विभिन्न प्रकार के शो, कार्निवल, नाटक और अन्य मनोरंजन कार्यक्रमों की व्यवस्था करती हैं. रेलवे स्टेशनों पर, स्कूलों में या अन्य स्थलों पर आज लोग आपको झंडे लिए मिल जाएंगे जिनसे आप चाहें तो झंडा खरीद इस नेक काम में अपना योगदान दे सकते हैं.
7 दिसंबर के दिन भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने के पीछे कारण यह है कि दरअसल, भारत को आजादी मिलने के बाद 28 अगस्त 1949 को भारत सरकार द्वारा भारतीय सेना के जवानों के कल्याण के लिए एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने 7 दिसंबर को प्रतिवर्ष झंडा दिवस मनाने के लिए चुना. वहीं जवानों के कल्याण हेतु धन जमा करने के लिए समिति ने लोगों के बीच छोटे झंडे बांटकर, उससे चंदा इकट्ठा किया. इस झंडे में तीन रंग (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते है. सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर किए गए धन संग्रह के तीन मुख्य उद्देश्य हैं. पहला युद्ध के समय हुई जनहानि में सहयोग. दूसरा सेना में कार्यरत कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण और सहयोग के लिए और तीसरा सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण हेतु.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश के नाम आपना जीवन करने वाले दिव्यांग पूर्व सैनिकों, युद्ध में वीर गति प्राप्त किए हुए सैनिकों की विधवाओं, शहीदों के परिवार जनों की देखभाल करने के लिए मदद सुनिश्चित करता है और उनके प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सम्मान का प्रतिक है.
सैनिक देश की वो ढाल होते हैं, जो देश को हर खतरे और बुराइयों से बचाते हैं, सैनिक देश का वो गौरव हैं जो हमेशा देश का अभिमान बनके देश की रक्षा और मान बढ़ाते हैं. अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए बहुत से सैनिकों ने अपने प्राणों तक बलिदान दे देते हैं और देश के दुश्मनों का मुहतोड़ जवाब देने के लिए हमारे वीर सेनानी हमेशा तैयार रहते हैं