International Children’s book day : हर वर्ष 2 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज की जेनरेशन के बच्चे स्मार्टफोन से घिरे होते हैं. ऐसे में किताबों से उनकी दोस्ती नहीं हो पाती, जबकि किताबें हमारे लिए सच्चे दोस्त की तरह होते हैं. माता-पिता की भी जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को किताबें पढ़ने जरूर दें, ताकि उन पुस्तकों को पढ़ कर बच्चे की कल्पना लोक को विस्तार मिले. जब हम बच्चों की किताबों के बारे में बात करते हैं, तो जेके राउलिंग, एनिड ब्लिटन और रोआल्ड डाहल का नाम सबसे पहले दिमाग में आता है. हालांकि, कुछ भारतीय लेखक भी हैं, जिन्होंने बच्चों के लिए कमाल की रचनाएं रची हैं. बच्चों को उन रचनाओं को जरूर पढ़ना चाहिए. ऐसे ही कुछ भारतीय लेखकों व उनकी रचनाओं के बार में जानिए.
अनंत पई : बच्चों का पारंपरिक लोक कथाओं से कराया परिचय
आज की पीढ़ी के शायद ही किसी बच्चे को ‘अमर चित्र कथा’ के बारे में पता हो. एक समय तक अमर चित्र कथा बच्चों का यादगार साथी हुआ करता था. अमर चित्र कथा को रचने वाले अनंत पई ही थे, जो अंकल पई के नाम से भी मशहूर हुए. अनंत पई को भारतीय कॉमिक्स के जनक के तौर भी जाना जाता है. उनका जन्म 17 सितंबर, 1929 को कर्नाटक के करकला शहर में हुआ था. पई का बचपन मुश्किलों से गुजरा और जब वह मात्र दो वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता का निधन हो गया. उनके नाना ने उनकी देखभाल की. उच्च शिक्षा के लिए वह मुंबई चले गये और वहीं से स्नातक की उपाधि लेने के बाद अंकल पई द टाइम्स ऑफ इंडिया के कॉमिक डिवीजन से जुड़ गये. वहां उन्होंने ‘फैंटम और मैंड्रेक’ जैसी कॉमिक्स के भारतीय संस्करण प्रकाशित किये. वर्ष 1967 में उन्होंने इंडिया बुक हाउस के साथ मिल कर ‘अमर चित्र कथा’ श्रृंखला की शुरुआत की. इसके श्रृंखला के जरिये उन्होंने बच्चों को पारंपरिक भारतीय लोक कथाओं, पौराणिक कहानियों व ऐतिहासिक पात्रों की जीवनियों से परिचित कराया. वर्ष 1980 में उन्होंने ‘टिंकल’ नाम की एक बाल पत्रिका भी शुरू की. वर्ष 1996 में उन्हें हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अंकल पई का किरदारों को पेश करने का अंदाज बेहद दिलचस्प और अनोखा था, यही वजह है कि बाल मन को लुभाने में वे बेहद कामयाब रहे. खास बात है कि आज भी उनकी अमर चित्र कथाओं की पुस्तकें मंगा कर पढ़ी जा सकती हैं.
प्रमुख रचनाएं : टिंकल, अमर चित्र कथा
रस्किन बॉन्ड : बच्चों को स्वप्नलोक में ले जाने वाले लेखक
रस्किन बॉन्ड की कहानियां ऐसी मनमोहिनी होती हैं कि उनमें समा लेती हैं. ऐसा लगेगा कि उनके बिना आपका सिलेबस अधूरा रह जाता हो. द ब्लू अम्ब्रेला, रस्टी एंड द लेपर्ड और रस्टी रन अवे जैसी दिलचस्प कहानियां बाल मन को मोह लेती हैं. रस्किन बॉन्ड अपने लेखन के साथ पहाड़ों व प्रकृति का भी जीवंत चित्रण करते हैं. उन्होंने अपनी कहानियों में दिलचस्प पात्रों के साथ पहाड़ियों की वनस्पतियों और जीवों, अद्भुत परिदृश्यों, विविध मौसमों व साधारण पहाड़ी लोक को दर्शाया है. रस्किन बॉन्ड ने बच्चों के लिए 30 से ज्यादा किताबें लिखी हैं. रस्किन बॉन्ड को वर्ष 1992 में उनकी पुस्तक ‘अवर ट्रीज स्टिल ग्रो एट देहरा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला. बच्चों के लिए रस्किन बॉन्ड की एक पुस्तक है- ‘द हिडन पूल’. यह लघु कहानियों का एक संग्रह है. द हिडन पूल कहानी संग्रह तीन दोस्तों लॉरी, अनिल और कमल की कहानी है. लॉरी एक ब्रिटिश इंजीनियर का बेटा है, जो भारत में रहता है. उसके दो भारतीय दोस्त हैं अनिल और कमल, जो उसे भारत के त्योहारों, खान-पान और परंपराओं से अवगत कराते हैं. लॉरी को पहाड़ों के बीच एक छिपे हुए वाटर पूल का पता चलता है. कहानी इसी हिडन पूल के इर्द-गिर्द घूमती है.
प्रमुख रचनाएं : ए फ्लाइट ऑफ पीजन्स, घोस्ट स्टोरीज फ्रॉम द राज, द ब्लू अंब्रेला
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