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आज है अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस, जानें इस साल की थीम और इसका महत्व

international day of violence against women 2022: कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है. वहीं इस दौर में महिलाओं को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ा है. इसलिए घरेलू हिंसा आश्रयों और हेल्पलाइन जैसी आवश्यक सेवाएं मुहैया कराई गई हैं.

By Shaurya Punj | November 25, 2022 11:35 AM

International Day for the Elimination of Violence against Women 2022: महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस हर साल 25 नवंबर को मनाया जाता है. इस दिन को महिला को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया जाता है. यह दिन इस तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है कि दुनिया भर में महिलाएं विभिन्न प्रकार की हिंसा के अधीन हैं और इस मुद्दे की वास्तविक प्रकृति अक्सर छिपी रहती है. आइए आपको बताते हैं इस दिन की थीम और इसके महत्व के बारे में.

दिन का इतिहास

1981 में, लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई नारीवादी एनकेंट्रोस  के कार्यकर्ताओं ने 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा का अधिक व्यापक रूप से मुकाबला करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक दिन के रूप में चिह्नित किया; 17 दिसंबर, 1999 को, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस दिन को आधिकारिक प्रस्ताव अपनाया था।

इस दिन का महत्व

हालांकि कोविड-19 संकट बढ़ता ही जा रहा है और इसे रोकने के लिए वैश्विक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है. कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है. वहीं इस दौर में महिलाओं को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ा है. इसलिए घरेलू हिंसा आश्रयों और हेल्पलाइन जैसी आवश्यक सेवाएं मुहैया कराई गई हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कोविड-19 के दौरान हिंसा से निपटने के लिए महिलाओं को समय-सयम पर जानकारी दी है. कई देशों में महामारी के दौरान घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, संयुक्त महासचिव के यूएनआईटीई संगठन भी महिला के पक्ष की बात करता है. यह महिला और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का उन्मूलन करता है.

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा (VAWG)

महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध हिंसा (Violence against women and girls- VAWG) का स्वरूप विश्वव्यापी है. महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ इस तरह की हिंसा विश्‍व में सबसे भयंकर, निरंतर और व्‍यापक मानव अधिकार उल्‍लंघनों में शामिल है, जिसका दंश विश्‍व में हर तीन में से एक महिला को भोगना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि इन हिंसा की अधिकांश घटनाएं प्रतिष्ठा,मौन, चुप्पी, कलंक और शर्म के कारण रिपोर्ट ही नहीं होती है.

सामान्य शब्दों में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा शारीरिक शोषण, यौन शोषण और मनोवैज्ञानिक शोषण के स्वरूपों में प्रकट होती है। इन स्वरूपों की घटनाओं में शामिल है-

जीवन साथी के द्वारा हिंसा (शारीरिक हिंसा, मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार, वैवाहिक बलात्कार, नशीला पदार्थ के सेवन हेतु मजबूर करना)

यौन हिंसा और उत्पीड़न (बलात्कार, जबरन यौन कार्य कराना, अवांछित यौन कार्य करवाना, बाल यौन शोषण, जबरन शादी, सड़क या कार्य स्थलों पर उत्पीड़न करना एवं पीछा करना, साइबर उत्पीड़न)

  • मानव तस्करी (दासता और यौन शोषण)

  • मादा जननांग विकृति (female genital mutilation)
    तथा

  • बाल विवाह

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