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International Earth Day 2023: 22 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस, इन तरीकों से धरती को बनाएं सुंदर

International Earth Day: हम सभी को यह मालूम है कि हमारी धरती आज विभिन्न प्रदूषणों की वजह से ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से जूझ रही है. अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने और जीव-जंतुओं, वनों व जलस्रोतों के संरक्षण के प्रयास के बावजूद स्थिति बिगड़ती ही जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2023 12:16 PM

International Earth Day: हम सभी को यह मालूम है कि हमारी धरती आज विभिन्न प्रदूषणों की वजह से ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से जूझ रही है. अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने और जीव-जंतुओं, वनों व जलस्रोतों के संरक्षण के प्रयास के बावजूद स्थिति बिगड़ती ही जा रही है. यही वजह है कि पेड़-पौधों व जीव-जंतुओं को बचाने और दुनियाभर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम है- ‘इन्वेस्ट इन आवर प्लानेट’. ऐसे में तुम्हें भी अपना योगदान देना चाहिए.

धरती को संवारने में दो अपना योगदान

सारे सोलर प्लानेट में हमारा पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां जीवन है. विज्ञान की मदद से हमने काफी तरक्की तो कर ली, लेकिन जाने-अनजाने पृथ्वी पर प्रकृतिक असंतुलन की स्थिति पैदा हो गयी है. पिछले कुछ वर्षों में भूकंप, बाढ़, सूनामी जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. इसी वर्ष तुर्की और सीरिया में भूकंप की वजह से हजारों लोगों की जानें गयी हैं. दरअसल, हमारी धरती के इको-सिस्टम में आये बदलावों व तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन की वजह से यह सब हो रहा है.

प्रकृति का दोहन कर रहे इंसान

पृथ्वी हमारे अस्तित्व का आधार है. खास बात है कि यह आज जिस स्थिति में पहुंच गयी है, उसे वहां पहुंचाने के लिए हम मनुष्य ही जिम्मेदार हैं. आज सबसे बड़ी समस्या मानव का बढ़ता उपभोग है, लेकिन पृथ्वी केवल उपभोग की वस्तु नहीं है. वह मानव जीवन के साथ-साथ असंख्य वनस्पतियों-जीव-जंतुओं की आश्रयस्थली भी है. वैज्ञानिक भी मानते हैं कि पृथ्वी पर आपदाओं के लिए इंसानों द्वारा प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का अंधाधुंध इस्तेमाल जिम्मेदार है. उनकी मानें तो आज हमारी धरती अपने भार से कहीं अधिक भार वहन कर रही है. दूसरी ओर इन स्थितियों से निबटने के लिए कई तरह के प्रयास भी किये जा रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम भी आये हैं. यही परिणाम पृथ्वी पर हमारे जीवन की उम्मीद भी है.

जीवों के विलुप्त होने का खतरा

तुम सभी ने डायनासोर, बड़े दांत वाले हाथी, गिद्ध जैसी प्रजातियों के बारे में किताबों में ही पढ़ा है, उन्हें कभी देखा नहीं. इस बात को लेकर विशेषज्ञ चिंतित हैं कि प्रकृति में हो रहे बदलाव के चलते मनुष्य की आने वाली पीढ़ियां तेजी से विलुप्ति के कगार पर खड़ी कई प्रजातियों के बारे में किताबों में पढ़कर न जाने. इसी को ध्यान में रखते हुए पृथ्वी को संरक्षित करने सबका योगदान जरूरी है. आज दुनियाभर में हजारों किस्म के पक्षी, मैमल्स और कीट-पतंगे या तो विलुप्त हो चुके हैं या फिर विलुप्त होने की कगार पर हैं. तुम भी छोटे-छोटे योगदान दे सकते हो. स्कूल प्रोजेक्ट्स बनाने में पुरानी चीजों को इस्तेमाल करने का प्रयास करो. अपने पुराने खिलौनों और कपड़ों को डोनेट करो. इस्तेमाल न होने पर लाइट, पंखे बंद करने की आदत डालो.

इन तरीकों से अपनी धरती को बनाओ सुंदर


आसपास लगाओ पौधे

पृथ्वी पर आज लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है, जो हमारे पर्यावरण के लिए सही नहीं है. पेड़-पौधे हमारे लिए बहुत जरूरी हैं. तुम चाहते हो कि धरती पर वायु प्रदूषण को कम हो तो अपने आसपास के इलाकों, घर की बालकनी, बगीचे आदि में पौधे लगाओ. अगर बगीचे के लिए जगह पर्याप्त नहीं है, तो तुम उन्हें बालकनी में कंटेनर्स में भी उगा सकते हो. तुम फल व सब्जियां भी उगा सकते हो.

बोतल यहां-वहां न फेको

प्लास्टिक की बोतलें हमारी धरती की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती हैं. अधिकतर बोतलों को रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है, तो इन्हें तुम दोबारा इस्तेमाल में ला सकते हो. प्लास्टिक की बोतलें हों या पॉलीथिन, इन्हें सड़क, नदियों आदि में फेंकने से बचो. तुम इनका दोबारा इस्तेमाल कर सकते हो. चाहो तो इनमें पौधे लगा लो या डेकोरेटिव आइटम्स के तौर पर यूज कर लो.

साइकिल को बनाओ साथी

साइकिल चला कर तुम पर्यावरण को तो संरक्षित करने में मदद करोगे ही. साथ में इससे तुम्हारे पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जायेगी. बाइक, कार, ऑटो, टैक्सी से यात्रा करने पर पेट्रोल और डीजल की खपत बढ़ने के साथ ही, इन गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में तुम भी साइकिल की सवारी के लिए तैयार हो जाओ.

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