International Education Day 2022: आज है अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस, जानिए इसके उद्देश्य और महत्व
International Education Day 2022: आज शिक्षा सतत विकास लक्ष्यों के केंद्र में है. हमें असमानताओं को कम करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा की आवश्यकता है. हमें लैंगिक समानता हासिल करने और बाल विवाह को खत्म करने के लिए शिक्षा की आवश्यकता है.
International Education Day 2022: शिक्षा हर व्यक्ति का एक बुनियादी अधिकार है, मगर आज भी दुनियाभर के कई हिस्सों में बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहासभी के लिए समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा और आजीवन अवसरों के बिना देश लैंगिक समानता प्राप्त करने और गरीबी के चक्र को तोड़ने में सफल नहीं होंगे. जिससे लाखों बच्चे, युवा और वयस्क पीछे होते जा रहे हैं.
International Day of Education 2021: इस वर्ष की थीम
साल 2022 के लिए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम ”चेंजिंग कोर्स – ट्रांसफर्मिंग एजुकेशन” रखी गई है. बीते साल इस दिवस की थीम ”रिकवर एंड रिवाइटलाइज एजुकेशन फॉर कोविड-19 जेनरेशन” रखी गई थी.
International Day of Education 2021: क्या है उद्देश्य?
आज के दिन को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता लाना है. मनुष्य के जीवन में शांति और विकास सबसे जरूरी चीजें हैं और इसे हासिल करने का एकमात्र तरीका शिक्षा ही हो सकती है। हर व्यक्ति और बच्चों तक मुफ्त और बुनियादी शिक्षा की पहुंच जल्द से जल्द हो, इस दिन को मनाने का यही उद्देश्य है.दुनियाभर में इस दिन समारोह का आयोजन होता है. इसके मुख्य विषय हैं- लर्निंग, इनोवेशन और फाइनेंसिंग.
International Day of Education 2021: शिक्षा पर कोविड-19 का प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अनुसार महामारी के कारण 11 मिलियन लड़कियां अकेले इस साल स्कूल नहीं आएंगी. मलाला फंड द्वारा संकलित एक रिपोर्ट के अनुसार गरीब समुदायों में अनुमानित 20 मिलियन माध्यमिक स्कूल की लड़कियां महामारी के समाप्त होने के बाद स्कूल से बाहर हो सकती हैं. महामारी से 25,000 बच्चों और वयस्कों के अनुभव के आधार पर पिछले साल सेव द चिल्ड्रन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि गरीब घरों के 1% से कम बच्चों को दूरस्थ शिक्षा प्राप्त हुई. कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों के परिणामस्वरूप दुनिया भर में बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं. सेव द चिल्ड्रेन का अनुमान है कि 9.7 मिलियन बच्चे हमेशा के लिए स्कूल छोड़ सकते हैं.