अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने के पीछे क्या है उद्देश्य, जानिए इस दिन को क्यों करते हैं सेलिब्रेट

International Men’s Day 2024: भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 2007 में 19 नवंबर को मनाया गया. पुरुषों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 नवंबर को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है.

By Bimla Kumari | November 18, 2024 12:40 PM

International Men Day 2024: अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस समाज में पुरुषों के योगदान का जश्न मनाने, उनकी उपलब्धियों को पहचानने और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालने का एक वैश्विक अवसर है. हर साल 19 नवंबर को मनाया जाने वाला यह दिन पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देता है और सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देता है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस लड़कों और पुरुषों, संघ, समाज, समुदाय, राष्ट्र, परिवार, विवाह और चाइल्डकेअर में उनके योगदान को पहचानने सम्मान देने में मदद करता है. इसका उद्देश्य पुरुषों के मुद्दों के बारे में बुनियादी जागरूकता को बढ़ावा देना भी है. भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 2007 में 19 नवंबर को मनाया गया. पुरुषों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 नवंबर को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास (International Men’s Day History)

थॉमस ओस्टर मिसौरी सेंटर फॉर मेन्स स्टडीज के एक निदेशक थे और 1990 के दशक की शुरुआत में उन्होंने फरवरी के महीने के दौरान अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने के उद्देश्य से यू.एस., ऑस्ट्रेलिया और माल्टा के संगठनों को छोटे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया. ओस्टर ने दो वर्षों तक इन कार्यक्रमों की मेजबानी की, लेकिन वर्ष 1995 में बहुत कम संगठनों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप समारोह को बंद कर दिया गया.

1999 में दोबारा पुरुष दिवस मनाने की हुई पहल

1999 में जेरोम टीलकसिंह ने उस दिन को पुनर्जीवित किया जब उन्होंने महसूस किया कि ऐसे पुरुषों का जश्न मनाने का कोई दिन नहीं था जिनके बच्चे नहीं थे, जो युवा लड़के और किशोर थे. उन्होंने सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल के महत्व को भी समझा और 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का फैसला किया, जिस दिन उनके व्यक्तिगत रोल मॉडल, उनके पिता की जयंती भी थी. तब से, अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस नकारात्मक लिंग रूढ़िवादिता के बजाय पुरुष पहचान के सकारात्मक पहलुओं को बढ़ावा देता है. यह दिन पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और सकारात्मक मर्दानगी के महत्व को उजागर करता है.

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भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत

भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत होते होते काफी साल लग गए और साल 2007 में हैदराबाद की लेखिका उमा चल्ला ने इसको शुरू किया. यानी सुनने में आश्चर्य लगे पर इंटरनेशनल मेन्स डे की शुरुआत ही महिलाओं ने की.

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस यह याद दिलाने के लिए मनाया जाता है कि सभी पुरुष अलग-अलग हैं लेकिन उनकी सराहना की जानी चाहिए और उनके योगदानों के लिए भी एक दिन सेलिब्रेट किया जाना चाहिए. यह पुरुषों के उस दबाव को कम करने का दिन है जो समाज द्वारा उन पर लगातार डाला जाता है. समाज उनसे अपेक्षा करता है कि वे प्रदाता हों, मजबूत हों और मदद न मांगें. आज का दिन इन रूढ़ियों को तोड़ने और पुरुषत्व को सकारात्मक रूप से परिभाषित करने का है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देता है.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने के तरीके

आप अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाना चाहते हैं तो शुरुआत अपने घर से करें. घर के पुरुष सदस्यों को खास महसूस करवाएं. उन्हें बताएं कि वे क्यों आपके और इस घर के लिए रोल मॉडल हैं. उनका पसंदीदा खाना बनाकर, उन्हें कोई हैंडमेड गिफ्ट देकर या कोई खूबसूरत से संदेश वाला कार्ड देकर भी अच्छा महसूस करवाया जा सकता है.

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