International Mountain Day 2021: आज है अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस, इस विंटर में इन हिल स्टेशनों की करें सैर
International Mountain Day 2021: अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस हर साल 11 दिसंबर को मनाया जाता है. हम आपको कुछ ऐसे हिल स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप सच में खुद को डिटॉक्सिफाई कर सकते हैं.
International Mountain Day 2021: हर साल अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाने का मकसद है कि पर्वतीय क्षेत्रों (Mountainous Regions) का विकास हो. साथ ही लोग पर्वतों के प्रति अपने दायित्वों को भी समझें. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस दिन की शुरुआत साल 2003 में पहाड़ों के सतत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी. संयुक्त राष्ट्र ने साल 2002 को संयुक्त राष्ट्र पर्वत वर्ष घोषित किया था.
सर्दियों का मौसम शुरु हो चुका है, इस सीजन में आज हम आपको कुछ ऐसे हिल स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप सच में खुद को डिटॉक्सिफाई कर सकते हैं.
गुलमर्ग
गुलमर्ग जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में स्थित धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो फूलों के प्रदेश के नाम से भी प्रसिद्ध है. लगभग 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग, की खोज 1927 में अंग्रेजों ने की थी. कहा जाता है कि पहले गुलमर्ग का असली नाम गौरीमर्ग था जो यहाँ के चरवाहों ने इसे दिया था.
मनाली
मनाली, हिमाचल प्रदेश राज्य में समुद्र स्तर से 1950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह पर्यटकों की पहली पसंद है और ऐसा हिल स्टेशन है जहां पर्यटक सबसे ज्यादा आते है. मनाली, कुल्लु जिले का एक हिस्सा है जो हिमाचल की राजधानी शिमला से 250 किमी. की दूरी पर स्थित है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनाली का नाम मनु से उत्पन्न हुआ है जिन्हे सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रहमा ने बनाया था.
देहरादून
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून एक ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है. अपनी मनोहर प्राकृतिक छटा, मंदिर और एज्युकेशनल व रिसर्च इंस्टिट्यूट की वजह से पर्यटकों के बीच देहरादून ख़ासा लोकप्रीय है. गंगा-यमुना नदियों से घिरा देहरादून दून वैली के नाम से भी जाना जाता है. तपकेश्वर मंदिर, सहस्त्रधारा, लक्षमण सिद्ध, गुछुपणी, लछिवाला, राजाजी नेशनल पार्क के साथ ही डकपत्थर भी घूमने के लिए अनोखी जगह है. बच्चों के साथ देहरादून की हरी वादियों में घूमने का इससे अच्छा मौक़ा और नहीं.
माउंट आबू
मरू प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू तपती धूप में शीतल हवा के झोंके जैसी है. यह राजस्थान के सिरोही ज़िले में अरावली पर्वत श्रृंखला के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. यहां के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और चारों तरफ़ फैली हरियाली देखकर यह यक़ीन कर पाना मुश्किल हो जाता है कि यह राजस्थान का ही हिस्सा है. कुदरती ख़ूबसूरती के साथ ही यहां के ऐतिहासिक मंदिर भी सैलानियों को आकर्षित करते हैं.
ऊटी
पर्वतों की रानी ऊटी का वास्तविक नाम उदगमंडलम है. तमिलनाडु में स्थित ऊटी दक्षिण भारत का सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन है. पहाड़ों पर नीले रंग के फूलों की सुंदर छटा किसी मखमली चादर जैसी दिखती है. प्राकृतिक सौंदर्य का असली नमूना ऊटी में ही देखने को मिलता है. आदिवासियों द्वारा बनाई गई चीज़ों से लेकर, चिल्ड्रेन पार्क और बोट हाउस का अपना ही आनंद है. ऊटी में रोज़ गार्डन और बोटैनिकल गार्डन सैलानियों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है.