International Tiger Day 2021, Theme, History, Significance, Interesting Facts: आज अंतराष्ट्रीय टाइगर दिवस है. इस दिन को मनाने के पीछे एकमात्र उद्देश्य यह है कि इस प्रजाति के सभी जीवों को बचाना. जैसा कि ज्ञात होगा हाल के दशकों में हमारे राष्ट्रीय पशु टाइगर की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गयी है.
इसके पीछे कई कारण रहे है. इनमें से लगातार हो रहे जंगलों की कटाई, जंगली जानवरों का शिकार, उनके चमड़ियों की मार्केट में भारी मांग आदि.
वर्ल्डवाइड फंड फॉर नेचर की मानें तो जंगही बाघों की संख्या पीछले 150 सालों में करीब 95 प्रतिशत घट गयी है. आपको बता दें कि अभी पूरी दुनिया में मिलाकर कुल 3900 टाइगर ही बचे है. जिनमें से 3000 भारत में ही है.
सबसे पहले विश्व बाघ दिवस की शुरूआत साल 2010 में हुई थी. रूस के सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में यह दिवस मनाया गया था. इस दौरान कुल 13 देश समिट का हिस्सा बने थे. जहां साल 2022 तक जंगली बाघों की संख्या दोगुनी करने का वैश्विक तौर पर लक्ष्य रखा गया था.
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है
-
पर्यावरण के लिए बाघों को बचाना.
-
लोगों को इसके प्रति जागरूक करना.
-
दरअसल, बाघों को फूड चेन का अहम हिस्सा माना गया है. जिनके वजह से वातावरण अनुकूल रहता है.
-
अगर बाघ जैसे मांसाहारी जावनरों की कमी हो गयी तो घास-फूस खाने वाले पशु ज्यादा मात्रा में पार्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते है.
-
बाघ आमतौर पर हिरणों का शिकार करते हैं. एक बड़े हिरण को खाकर वे एक हफ्ते तक अपनी भूख मिटा सकते हैं.
-
सभी बाघ प्रजातियों में से सबसे छोटा है सुमात्रन बाघ और सबसे बड़ा साइबेरियाई बाघ
-
बाघ की दृष्टि छह गुना है रात में एक इंसान से बेहतर। वे भी सुनवाई और दृष्टि से शिकार करते है और गंध से नहीं
-
शेरों को बचाओ, जीवन को बचाओ
-
इसकी है जरुरत हमें, बाघ है तो जंगल है.
Posted By: Sumit Kumar Verma