International Women’s Day 2022: इस दिन हुई थी महिला दिवस मनाने की शुरुआत, जानें वजह

International Women's Day 2022: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन की शूरुआत एक आंदोलन से हुई थी.दरअसल, साल 1908 में 15000 महिलाएं ने कम का घंटे, बेहतर सैलरी और वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क में मार्च निकाला था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2022 8:26 AM

International Womens Day 2022: कोरोना काल में महिला दिवस के मौके पर अपनी रिश्तेदारों, सहेलियों और सहयोगी महिलाओं को शुभकामना संदेश भेजने के साथ ही कार्ड, चॉकलेट, फूल और अन्य उपहार देने की तैयारियां जोरों पर हैं.हालांकि इस बात से बहुत ज्यादा लोग वाकिफ नहीं हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आखिर क्यों और कब से मनाया जाता है.
कैसे हुई इस दिन की शुरुआत?

इस दिन की शूरुआत एक आंदोलन से हुई थी.दरअसल, साल 1908 में 15000 महिलाएं ने कम का घंटे, बेहतर सैलरी और वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क में मार्च निकाला था.जिसके एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस की घोषणा की.

इस साल से शुरु हुई थी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा

सन 1917 में युद्ध के दौरान हड़ताल तक इसे औपचारिक रूप नहीं दिया गया था.हालांकि जब रूसी महिलाओं ने ‘रोटी और शांति’ की मांग में हड़ताल की तो चार दिन बाद राजा को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और अनंतिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया.हड़ताल 8 मार्च को शुरू हुई और यह वह तारीख बन गई जब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.

महिला दिवस 2022 की थीम (Womens Day 2022 Theme)

इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम ‘जेंडर इक्वैलिटी फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता है.लैंगिक समानता का अर्थ समाज में महिला तथा पुरुष के समान अधिकार, दायित्व तथा रोजगार हैं.देश के विकास के लिए लैंगिक समानता सबसे आवश्यक है.इससे समाज में भेदभाव को खत्म किया जा सकता है.

महिला दिवस का इतिहास (International Womens Day History)

इतिहासकारों के मुताबिक महिला दिवस मनाने की शुरुआत 28 फरवरी 1908 में महिला मजदूर आंदोलन से हुई थी.अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की करीब 15 हजार से अधिक महिलाओं ने इसमें हिस्सा लिया था और पुरुषों के बराबर अधिकार की मांग की थी.जिसमें काम करने के समय को कम करवाने तथा अच्छी तनख्वाह व समाज में पुरुषों के बराबर अधिकार के मुद्दे थे.महिलाओं के इस आंदोलन ने सरकार को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था.तथा सरकार ने उनकी मांगे पूरी करते हुए प्रत्येक वर्ष महिला दिवस मनाने की घोषणा की थी.

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