Jamsetji Tata Birth Anniversary: टाटा ग्रुप (Tata Group) के के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) का आज 184वां जन्मदिन है. बता दें, जमशेदजी टाटा उस विशाल औद्योगिक साम्राज्य के संस्थापक थे जो आज पूरी दुनिया में सुर्खियों में है. उन्होंने बहुत कम उम्र में व्यवसाय में अपना करियर शुरू कर दिया था. जिसमें की उनके जोश और समर्पण से उनके व्यवसाय को सफलता की सीढ़ी चढ़ने और ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिली. जमशेदजी टाटा भारतीय उद्यमी और एक उद्योगपति थे जो भारतीय उद्योग में अपने अग्रणी काम के लिए जाने जाते थे.
टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा का पुरा नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा है. उनका जन्म तीन मार्च 1839 को गुजरात के एक छोटे से कस्बे नवसारी में हुआ था. उनके पिता का नाम नौशेरवांजी एवं उनकी माता का नाम जीवनबाई टाटा था. पारसी पादरियों के खानदान में नौशेरवांजी पहले व्यवसायी थे. भाग्य उन्हें बम्बई ले आया, जहां उन्होंने कारोबार में कदम रखा. जमशेदजी 14 साल की नाज़ुक उम्र में ही पिताजी का साथ देने लगे. जमशेदजी ने एल्फिंस्टन कॉलेज (Elphinstone College) में दाखिला लिया और अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने हीरा बाई डाबू के साथ विवाह बंधन में बंध गए. वह 1858 में स्नातक (Graduate) हुए और अपने पिता के व्यवसाय से पूरी तरह जुड़ गये.
देश के औद्योगिक क्षेत्र में जमशेदजी का असाधारण योगदान है. इन्होंने भारत में औद्योगिक विकास की नीवं उस समय डाली जब देश गुलामी की जंजीरों से जकड़ा था और उद्योग-धंधे स्थापित करने में अंग्रेज ही कुशल समझे जाते थे. भारत के औद्योगीकरण के लिए उन्होंने इस्पात कारखानों की स्थापना की महत्वपूर्ण योजना बनाई. उनकी अन्य बड़ी योजनाओं में पश्चिमी घाटों के तीव्र धाराप्रपातों से बिजली उत्पन्न करने की योजना (जिसकी नींव 8 फ़रवरी 1911 को रखी गई) भी शामिल है.
औद्योगिक विकास कार्यों में जमशेदजी यहीं नहीं रूके. देश के सफल औद्योगीकरण के लिए उन्होंने इस्पात कारखानों की स्थापना की महत्त्वपूर्ण योजना बनायी. ऐसे स्थानों की खोज की जहां लोहे की खदानों के साथ कोयला और पानी सुविधा प्राप्त हो सके. अंततः आपने बिहार के जंगलों में सिंहभूमि जिले में वह स्थान (इस्पात की दृष्टि से बहुत ही उपयुक्त) खोज निकाला. 1907 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (Tisco) की स्थापना से इस शहर की बुनियाद पड़ी. इससे पहले यह साकची नामक एक आदिवासी गांव हुआ करता था. वहां की मिट्टी काली होने के कारण वहां का पहला रेलवे-स्टेशन कालीमाटी के नाम से बना. इसे बाद में बदलकर टाटानगर कर दिया गया. जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है.