Loading election data...

Janmashtami 2022: घर और मंदिरों में ही नहीं जेलों में भी धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी, जान लें वजह

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी उत्सव की धूम भक्तों के घर, मंदिरों के अलावा जेलों में भी होती है. कारागारों में रात के 12 बजे से पूजा अर्चना शुरू हो जाती है. सजा काट रहे कैदियों को भी कृष्ण जन्मोत्सव मनाने की छूट रहती है. जानें जेलों में जन्माष्टमी मानाने का कारण.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2022 6:18 PM

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी का त्योहार एक ऐसा उत्सव है जो हिंदू भक्तों के घरों, मंदिरों के अलावा जेलों में भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है. भाद्र पद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में कारागार में ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ. कथा के अनुसार उनके जन्म लेते ही जेल की कोठरी में प्रकाश फैल गया और सबकुछ वैसा घटित हुआ जैसा भगवान चाहते थे. भगवान कृष्ण का जन्म जेल में ही हुआ था इसलिए आज भी जेलों में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इस मौके पर विशेष झाकियां सजाई जाती हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. जेल के पुलिसकर्मी ही नहीं कैदी भी इसकी तैयारियां पूरे उत्साह के साथ करते हैं. इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त दोनों ही दिन मनाई जा रही है. पढ़ें कृष्ण जन्म की पूरी कहानी…

भविष्यवाणी सुन कर क्रोधित हाे गया कंस

धार्मिक मान्यता के अनुसार कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे. कृष्ण का जन्म मथुरा की जेल में हुआ था. इसके पीछे की कहानी भी बेहद प्रचलित है. जिसके अनुसार द्वापर युग में मथुरा का राजा उग्रसेन था. उग्रसेन का पुत्र कंस बेहद महात्वकांक्षी और क्रूर था. उसने अपने पिता को बंदी बना कर जेल में डाल दिया और खुद सिंहासन पर बैठ गया. कंस की बहन थी देवकी. देवकी से वह बेहद प्यार करता था. यही कारण है देवकी के विवाह के पश्चात कंस खुद रथ का सारथी बन अपनी बहन को उसके ससुराल छोड़ने जा रहा था. रास्ते में अचानक एक भविष्यवाणी हुई जिसके अनुसार देवकी का आठवां पुत्र कंस का काल था. भविष्यवाणी सुनकर कंस क्रोधित हो गया और देवकी व वासुदेव को मथुरा की जेल में डाल दिया.

Also Read: Janmashtami 2022: कृष्ण जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त को, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि जानें
मथुरा की जेल में हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म

जेल में ही देवकी ने अपनी आठ संतानों को जन्म दिया जिसमें आठवें संतान के रूप में कृष्ण का जन्म जेल में हुआ. कृष्ण से पहले जन्में देवकी के सभी 6 संतानों का कंस ने जन्म के साथ ही वध कर दिया लेकिन जब कृष्ण का जन्म देवकी-वासुदेव के आठवें पुत्र के रूप में हुआ तब इससे पहले की कंस नवजात की हत्या करता वासुदेव ने उसे गोकुल में यशोदा और नंद के पास पहुंचा दिया. चूंकि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा की जेल में हुआ था इसलिए प्रत्येक साल जेलों में भी भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पूरी धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. जेलों में कई दिनों पहले से ही जन्माष्टमी मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं.

Next Article

Exit mobile version