Jaya Kishori Quotes: चिड़चिड़े व्यक्ति के मन में चल रही होती हैं ये बातें… जानें

Jaya Kishori Quotes: जया किशोरी जी के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अपने मन की बातें व्यक्त नहीं कर पाता, तो उसकी भावनाए चिड़चिड़ेपन के रूप में बाहर आती हैं. जानें इससे बचने के उपाय

By Pratishtha Pawar | February 4, 2025 7:00 AM

Jaya Kishori Quotes: अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोग बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं, छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाहट दिखाते हैं और हमेशा किसी न किसी चीज से असंतुष्ट रहते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उनके मन में क्या चल रहा होता है? .

अगर आपके आसपास भी कोई व्यक्ति हमेशा गुस्से में या चिड़चिड़े स्वभाव का रहता है, तो उसके साथ शांतिपूर्वक बैठकर यह पूछें कि “क्या रह गया जीवन में?” शायद इस सवाल का जवाब उस व्यक्ति के जीवन की उलझनों को सुलझाने में मदद कर सके.

“जो व्यक्ति अपने मन की बातें बयां नहीं कर सकता, अपना जीवन अपने हिसाब से नहीं जी सकता, उसको किसी के सामने यहाँ तक कि खुद से भी व्यक्त नहीं कर सकता और ये सारी भावनाएँ सिर्फ एक ही तौर पर बाहर आती हैं, और वो है – चिड़चिड़ापन.” – जया किशोरी

चिड़चिड़ापन क्यों होता है? Why does irritability occur?

Jaya kishori quotes: चिड़चिड़े व्यक्ति के मन में चल रही होती हैं ये बातें… जानें

कई बार व्यक्ति अपने भीतर की भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता और वह भीतर ही भीतर घुटता रहता है. इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं—

  1. जब व्यक्ति को लगता है कि उसकी मेहनत या प्यार को सही मान्यता नहीं मिल रही, तो वह निराश हो जाता है.
  2. कुछ लोग अपने विचारों को खुलकर कहने में असमर्थ होते हैं, जिससे मन में घुटन होती है.
  3. जब व्यक्ति खुद को ही पूरी तरह स्वीकार नहीं करता, तो वह अपनी कमियों को छुपाने के लिए चिड़चिड़ा हो जाता है.
  4. समाज और परिवार की उम्मीदों को पूरा करने का दबाव भी व्यक्ति को भीतर से परेशान कर सकता है.

चिड़चिड़े व्यक्ति को कैसे शांत करें? How to Tackle Irritability?

Jaya kishori quotes: चिड़चिड़े व्यक्ति के मन में चल रही होती हैं ये बातें… जानें

अगर कोई व्यक्ति हर समय चिड़चिड़ा रहता है, तो उसे डांटने या टोकने के बजाय, उसके साथ सहानुभूति दिखाना ज्यादा जरूरी है. जया किशोरी जी कहती हैं कि ऐसे व्यक्ति के साथ बैठकर प्यार से पूछें कि “क्या रह गया जीवन में?” यह सवाल व्यक्ति को अपने भीतर झांकने और अपनी परेशानियों को समझने का अवसर देता है.

  • शांतिपूर्वक बात करें – उसकी भावनाओं को समझें और उसे खुलकर बोलने दें.
  • ध्यान और योग अपनाने को कहें – अध्यात्म और ध्यान व्यक्ति के मन को स्थिर करने में मदद कर सकता है.
  • अपेक्षाएं कम करने की सलाह दें – जीवन में हर चीज हमारे नियंत्रण में नहीं होती, यह समझना जरूरी है.
  • प्राकृतिक माहौल में समय बिताने के लिए कहें – प्रकृति के बीच रहने से मानसिक शांति मिलती है.

जया किशोरी जी का यह अनमोल विचार हमें बताता है कि चिड़चिड़ापन किसी की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को दर्शाता है. यह सिर्फ गुस्से या स्वभाव की समस्या नहीं है, बल्कि गहरे असंतोष और अधूरी भावनाओं का संकेत हो सकता है.

इसलिए, अगर आपके आसपास कोई व्यक्ति ऐसा है, तो उसे डांटने की बजाय उसकी परेशानियों को समझने का प्रयास करें. हो सकता है, आपका एक सवाल “क्या रह गया जीवन में?” उसकी पूरी दुनिया बदल दे.

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