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Jharkhand Tourist Destinations: झारखंड का प्रसिद्ध वाटर फॉल है दशम जलप्रपात, ये है परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन

Jharkhand Tourist Destinations, Dasam Waterfall Tourist Spot: दशम फ़ॉल अपनी फोटोजेनिक प्राकृतिक सुंदरता के लिए पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय फॉल्स में से एक माना जाता है. इस झरने का जल बहुत ही साफ और पारदर्शी होता है.

Jharkhand Tourist Destinations, Dasam Waterfall Tourist Spot: झारखंड की राजधानी राँची को जलप्रपातों की नगरी कहा जाता है. ऐसे तो शहर से सौ किमी की दूरी के अंदर कई झरने हैं पर लोकप्रियता के हिसाब से दशम, हुंडरु और जोन्हा के जलप्रपातों का नाम सबसे पहले आता है. चूंकि ये सारे जलप्रपात बरसाती नदियों के बहाव के मार्ग पर बने हैं इसलिए इनको देखने का आनंद वर्षा ॠतु के ठीक बाद आता है. कुछ लोगो का कहना है की अधिक ऊंचाई की वजह से इस झरने के गिरते समय 10 धाराएं बनती है इन्ही धाराओं की वजह से इस जलप्रपात का नाम दशम जलप्रपात (Dassam Fall) पड़ा. इस झरने का जल बहुत ही साफ और पारदर्शी होता है.

दशम जलप्रपात का भूगोल

कांची नदी का पानी लगभग 144 फीट की ऊंचाई से गिरता है जो एक भव्य झरना बनाता है जिसे दशम फॉल्स कहा जाता है. इस झरने का पानी साफ और सुव्यवस्थित है. प्राकृतिक जलविद्युत धारा उत्पादन के कारण पर्यटकों को पानी में स्नान न करने की चेतावनी दी जाती है. 2001 और 2006 के बीच डूबने की कुछ दुर्घटनाएं हुईं.

दशम जलप्रपात में पर्यटन

दशम फ़ॉल अपनी फोटोजेनिक प्राकृतिक सुंदरता के लिए पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय फॉल्स में से एक माना जाता है. इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता इसके आसपास के स्थान से दोगुनी हो जाती है, जो इस स्थान के चारों ओर घने उष्णकटिबंधीय वनस्पति से आच्छादित है. दशम फ़ॉल विभिन्न आकृतियों, आकारों और रंगों की घिसी-पिटी चट्टानों से घिरा हुआ है जो उत्कृष्ट वातावरण में और अधिक आकर्षण जोड़ते हैं. इसे एक अच्छा पिकनिक या भ्रमण स्थल भी माना जाता है.

दशम जलप्रपात के पास देवरी मंदिर

दशम झरने के पास, एक पुराना हिंदू मंदिर है जिसे देवरी मंदिर कहा जाता है. देवरी मंदिर दक्षिण रांची की ओर लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह हिंदू देवी दुर्गा का बहुत पुराना मंदिर है. मुख्य आकर्षण यह है कि मूर्ति में 16 हाथ हैं, जबकि आम तौर पर देवी के 10 हाथ होते हैं. दशम जलप्रपात के पास स्थित देवरी मंदिर विशाल पत्थरों को एक के ऊपर एक रखकर बनाया गया है, जिनके बीच में कोई सीमेंटिंग सामग्री नहीं है. स्थानीय लोककथाओं के अनुसार कहा जाता है कि यह मंदिर कभी इस क्षेत्र के डकैतों का था.

दशम जलप्रपात के बारे में जानकारी

झारखंड में दशम जलप्रपात टाटा-रांची हाईवे रोड पर तैमारा गांव के पास स्थित है. इस स्थान तक पहुंचने के लिए पर्यटक को झारखंड की राजधानी रांची से 40 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

दशम फॉल क्षेत्र की विशेष जानकारी

दशम फॉल का क्षेत्र लाह उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है. इस छेत्र में पूरे झारखण्ड का 36% लाह का उत्पादन पलास, बेर, साल, सिद्धा, केंदू, कुसुम जैसे पेड़ो पर किया जाता है. दशम फॉल के आस पास के छेत्र में मुख्य रूप से मुण्डा समुदाय के आदिवासी लोग ही रहते है. इस आदिम जनजाति के लगभग 35% लोगो ने धर्म परिवर्तन करकें ईसाई धर्म अपना लिया है लेकिन इसके पश्चात भी इनकी वेश-भूसा और रहन-सहन में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता. यहाँ के लोग मुण्डारी भाषा के साथ साथ टूटी फूटी हिंदी भी बोलते है.

दशम जलप्रपात में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

अगर आप दशम जलप्रपात घूमने जा रहे हैं तो आपको यहां जाने से पहले वहां की कुछ सावधानियों को विशेष रूप से जान लेना चाहिए जो आपकी यात्रा को सुरछित बना देंगे. दशम जलप्रपात बहुत ऊंचाई से गिरता है इसलिए झरने के आसपास काफी खतरनाक गड्ढे बने होते हैं जो चट्टानों के कटने से बनते हैं. पानी से ढके होने के कारण यह गड्ढे दिखाई नहीं पड़ता जो कई बार दुर्घटना का कारण बन जाते हैं. साथ ही में आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप जलप्रपात के तेज बहाव में न नहाए. झरने के थोड़ा आगे बढ़ने के बाद जहां पानी थोड़ा शांत होता है वहां आप स्नान कर सकते हैं.

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