Nikita Kumari got Best Women Dairy farmer Award: झारखण्ड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ के देवघर इकाई (मेधा डेयरी) से जुड़ी महिला दुग्ध उत्पादक निकिता कुमारी को 16 मार्च 2023 को गांधीनगर गुजरात में आयोजित इंडियन डेयरी एसोसिएशन के 49वां डेयरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम में पूर्वी क्षेत्र से Best Women Dairy farmer in the country Award से सम्मानित किया गया. निकिता को डेयरी के क्षेत्र में उम्दा कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया.
निकिता कुमारी को केन्द्रीय मतस्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री (भारत सरकार) पुरुषोत्तम रूपाला जी के द्वारा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मिनेश शाह, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आर एस सोढ़ी तथा झारखण्ड दुग्ध महासंघ एवम इंडियन डेयरी एसोसिएशन के पूर्वी प्रक्षेत्र के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह की उपस्थिती में पुरस्कृत किया गया. यह पुरस्कार निकिता को डेयरी के क्षेत्र में उम्दा कार्य करने के लिए दिया गया है. कार्यक्रम में पूरे देश तथा विदेशों से डेयरी उद्योग से जुड़े लोग तथा डेयरी किसान सम्मिलित हुए थे.
वर्तमान में निकिता के पास 26 दुधारू गायें हैं जिसमें से अभी 18 गाय दूध दे रही हैं. इसके अतिरिक्त इनके पास तीन भैंसें एवं 14 बछिया भी हैं. अभी इनके यहां लगभग 160 लीटर दूध प्रतिदिन उत्पादन होता है. ये अपना दूध प्रतिदिन मेधा डेयरी के कडबिंधा दुग्ध संग्रहण केंद्र, मधुपुर में बेचकर प्रतिमाह लगभग 1.5 लाख रुपया इस व्यवसाय से कमाती हैं तथा अपने परिवार की आर्थिक रूप से सबल बनाने में भरपूर सहयोग कर रही हैं. आनेवाले समय में इनका लक्ष्य खुद का 500 लीटर दूध उत्पादन कर गांव में ही दुग्ध शीतलक केंद्र की स्थापना का है. इनके कार्यों में इनके पति ब्रिज किशोर यादव भी बराबर से हाथ बटाते हैं. इनकी सफलता से झारखण्ड मिल्क फेडरेशन एवं इनके क्षेत्र के किसानों में आपार खुशी है. ये महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन कर उभरी हैं.
निकिता ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पति ब्रिज किशोर यादव एवं मेधा डेयरी प्रबंधन को दिया. निकिता बताती हैं कि कडबिंधा गांव में वर्ष 2018 में मेधा डेयरी का दुग्ध संग्रहण केंद्र खुलने के बाद तो हमारी जिंदगी ही बदल गयी है. अब हमें दूध बेचने के झंझट से मुक्ति मिल गया और हमलोग खुल कर उत्पादन बढ़ाने में लग गये. मेधा के संग्रहण केंद्र में दूध बेचने से दूध का उचित मूल्य पर भुगतान निर्धारित समय से अपने बैंक खाता में प्राप्त हो जाता है. साथ ही साथ उम्दा किस्म का मेधा पशु-आहार भी उचित मूल्य पर गांव के स्तर पर ही मिल जाता है. गौ माता का सेवा करने से ही आज हम आर्थिक रूप से सक्षम हैं और आज मेरी पहचान बनी है.