Kaal Sarp Dosh Nivaran: कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए इन मंदिरों के करें दर्शन, जानें क्या है मान्यता
Kaal Sarp Dosh, Kaalsarp dosh ki puja kahan hoti hai: कुंडली में कालसर्प योग हो तो कई ज्योतिषीय उपाय करने पड़ते हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर नागपंचमी के दिन दर्शन मात्र से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है
Kaal Sarp Dosh, Kaalsarp dosh ki puja kahan hoti hai: कुंडली में काल सर्प दोष होने पर जातक को कई तरह के उपाय करने पड़ते हैं. कालसर्प दोष दूर करने के लिए विशेष पूजा तथा अनुष्ठान किए जाते हैं. आगर किसी जातक को कालसर्प दोष से मुक्ति पानी है तो नाग पंचमी की तिथि इसके लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है. क्या आपको पता है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर नागपंचमी के दिन दर्शन मात्र से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है
जानें कहां है नागराज वासुकी मंदिर
कालसर्प दोष दूर करने वाले जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं वह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थापित है. यह मंदिर दारागंज मोहल्ले के उत्तरी छोर पर स्थित है. यहां नागराज वासुकी मंदिर के देवता के रूप में विद्यमान हैं. मंदिर का नाम भी नागराज वासुकी मंदिर है. बता दें कि यह मंदिर दूसरे मंदिरों से बेहद खास अहमियत रखता है. यही वजह है कि दर्शनार्थी दूर-दूर से इस मंदिर में नागराज के दर्शनों के लिए आते हैं.
नासिक के मंदिर से जुड़ी है परंपरा
ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर की परंपरा महाराष्ट्र के नासिक की गोदावरी तट पर स्थित पैष्ण तीर्थ से जुड़ती है. बता दें कि असम के गुवाहाटी में नवग्रह-मंदिर ब्रह्मपुत्र के उत्तर तट पर स्थित है और वैसे ही प्रयागराज में नागवासुकि मंदिर भी गंगा के तट पर स्थित है.
कालसर्प दोष निवारण मंत्र
नाग गायत्री मंत्र: ‘ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्। ‘ इस मंत्र को कालसर्प दोष निवराण के लिए प्रभावी माना जाता है. इसके अलावा आप ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ नागदेवताय नम:’ मंत्र का जाप कर सकते हैं. रुद्राक्ष माला से 108 बार जप करना होता है.