क्रिसमस ईव पर है मोमबत्ती जलाने की प्रथा, जानें कब से और क्यों शुरू हुई ये परंपरा
Christmas 2023: क्रिसमस का पर्व आने से पहले ही बाजार में रौनक छा जाती है.लोग क्रिसमस को लेकर बहुत उत्साहित हैं. आईये जानते हैं क्रिसमस को लेकर रोचक तथ्य...
क्रिसमस का पर्व पूरी दुनिया में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इसे लेकर कई मान्यताएं भी समय-समय पर सामने आती रहती है, जिसे जानने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं. आज हम आपको क्रिसमस से जुड़ी एक ऐसी ही मान्यता के बारे में बताने जा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्रिसमस पर कैंडल जलाने की जो परंपरा है वो कब, क्यों और कैसे शुरु हुई.
क्यों जलाई जाती है कैंडल्समोमबत्तीयां जलाने को लेकर अलग-अलग कहानियां प्रचलित हैं. अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग मान्यताएं हैं. इसे क्रिसमस विंडो मोमबत्ती भी कहा जाता है. कहीं पर मोमबत्ती जलाने को मेहमाननवाजी और स्वागत का प्रतीक माने जाने की वजह से इस दिन मोमबत्ती जलाने की शुरूआत हुई.
कहीं पर मोमबत्ती को सुरक्षित आश्रय मौजूद होने की तरह से सांकेतिक किया जाता है. ऐसा ऐतिहासिक वृतांत दंड कानूनों के युग के आयरिश कैथौलिकों के अनुसार परिवार पुजारियों को सुरक्षित आश्रय का संकेत देने के लिए मोमबत्ती जलाकर दिखाते थे. स्वागत प्रतीक के रूप में मोमबत्तियों का उपयोग करने की ऐतिहासिक प्रथा को श्रद्धांजलि देते हुए अपनी ऐतिहासिक इमारतों की खिड़कियों में मोमबत्तियां प्रदर्शित करने की परंपरा कायम है.
मसीह का प्रकाश फैलाती कैंडलयीशु को ईसाई धर्म में विश्व का प्रकाश कहा जाता है. क्रिसमस के दौरान मोमबत्तियां जला कर लोग घरों और दिलों में ईसा मसीह की उपस्थिति का स्वागत करता है. मोमबत्ती की चमक लोगों को आशा और मुक्ति के संदेश की याद लोगों के दिल में ताजा करती है. यीशु का जन्म प्रकीकात्मक और शाब्दिक रूप से विश्व के अंधेरे को दूर करने का प्रतीक होता है.
पवित्र जगह पर जलाते हैं कैंडलक्रिसमस के दौरान मोमबत्ती जलाने का इतिहास है. मोमबत्ती की रौशनी लोगों के बीच पवित्रता और शांति की भावना पैदा करता है. धार्मिक तौर पर मान्यता है कि हल्की रौशनी शांति और संपन्नता के मौहाल का प्रतिबिंब होती है. क्रिसमस के दौरान लोग पवित्र स्थान पर ही मोमबत्ती जलाते हैं और उससे सांत्वना और जुड़ाव पाते हैं.
Also Read: क्रिसमस आउटफिट में इन शानदार तरीकों से शामिल करें लाल रंग, जानें बेहतरीन फैशन टिप्स मोमबत्ती जलाने का इतिहासक्रिसमस और मोमबत्तियों के बीत काफी पुराने संबंध पाए जाते हैं. बाइबिल की माने तो इसे ईसाई यीशु के जन्म के दिन को मनाने की परंपरा के रूप में मानते हैं. क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मोमबत्ती जलाने को बेथलेहम के सितारे का प्रतीक माना जाता है, जिन्होंने मैगी को चरनी तक पहुंचाया था.
रिपोर्ट: नेहा सिंह
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