Teej Mehandi Design 2024 : भारतीय संस्कृति में मेहंदी का विशेष महत्व है. खास तौर से सावन के महीने में हरियाली तीज के पावन अवसर पद हाथों पर मेहंदी लगाना काफी शुभ माना जाता है. सोलह श्रृंगार में से एक मेहंदी को जहां पहले हथेली पर गोल ठप्पे के रूप में लगाया जाता था, वहीं आज मेहंदी की विविध डिजाइन फैशन स्टेटमेंट का रूप ले चुकी हैं. इस हरियाली तीज में आप भी अपनी पसंदीदा डिजाइन से हाथों को सजा सकती हैं. आइये जानतें मेहंदी की लोकप्रिय डिजाइंस के बारे में…
भारतीय डिजाइन
भारतीय शैली की मेहंदी डिजाइन में मोर, फूल-पत्ती, घुंगराले व घुमावदार पैटर्न का प्रयोग किया जाता है. भारतीय मेहंदी डिजाइन में आकारों के बीच ज्यादा जगह नहीं रखी जाती, इसीलिए ये डिजाइन भरी-भरी नजर आती है. इसे बाटिक मेहंदी डिजाइन के नाम से भी जाना जाता है. अक्सर भारतीय शादियों में दुल्हन के हाथ की भारतीय डिजाइन की मेहंदी से सजाया जाता है.
अरेबिक डिजाइन
अरेबिक मेहंदी में आउटलाइन का उपयोग किया जाता है. यह डिजाइन भारतीय शैली के पैटर्न से सरल होती है. इनमें फूल, पत्ते और घुमावदार रेखाओं के प्रयोग से बेल नुमा डिजाइन लगायी जाती हैं. अरेबिक मेहंदी की डिजाइन के आउटलाइंस मोटे होते हैं, इसीलिए जिन महिलाओं को मेहंदी का गहरा रंग अच्छा लगता है, वे अरेबिक मेहंदी लगवाना पसंद करती हैं.
पाकिस्तानी डिजाइन
पाकिस्तानी मेहंदी में भारतीय व अरेबिक डिजाइन का सुंदर मिश्रण दिखायी देता है. पाकिस्तानी मेहंदी में आमतौर पर दो प्रकार के मेहंदी का उपयोग किया जाता है. आउटलाइन करते समय काली मेहंदी का उपयोग किया जाता है और अंदर का डिजाइन हल्के रंग की मेहंदी से भरा जाता है.
इंडो-अरेबिक डिजाइन
इस प्रकार के मेहंदी डिजाइन में अरेबिक और भारतीय शैली की मेहंदी का मिलाजुला प्रारूप दिखायी देता है. पाकिस्तानी शैली की तरह इसमें भी डिजाइन की आउटलाइन अरेबिक शैली की तरह मोटी बनती है और उसमें भारतीय डिजाइन के पैटर्न और आकार भरे जाते हैं.
मोरक्कन मेहंदी
मोरक्कन मेहंदी डिजाइन ज्यामितीय होता है. आमतौर पर इस प्रकार की मेहंदी डिजाइन में त्रिकोण, चौकोर, गोलाकार आकृतियों का प्रयोग देखने को मिलता है. दोनों हाथों में एक समान डिजाइन बनाना मोरक्कन मेहंदी डिजाइन की विशेषता है.
मुगलई मेहंदी
इस प्रकार के डिजाइन में हथेली काे एक स्थान पर रिक्त रखा जाता है और बाकी हथेली पर खूबसूरत, बारीक सा डिजाइन बनाया जाता है. मुगलाई मेहंदी डिजाइन कभी भी कलाई से आगे कोहनी की तरफ नहीं बनता.
ग्लिटर मेहंदी
यह भारतीय और अरबी डिजाइन का मिश्रण है. इनके डिजाइन काफी उभरे हुए होते हैं और इनकी बाहरी रूपरेखा नाज़ुक पैटर्न और अलग-अलग आकारों से भरपूर होते हैं. इन डिजाइंस को और बेहतर बनाने के लिए इन पर चमक यानी स्पार्कल का प्रयोग किया गया है. यह आजकल मेहंदी की डिजाइन का सबसे प्रचलित आकर्षण है. इन डिजाइनों की रूपरेखा को विभिन्न रंगों के पत्थरों से भी सजाया जाता है.
राजस्थानी मेहंदी
इसमें काफी गूढ़ कलाकारी की जाती है और मोर, फूल एवं घुमावदार कर्वस से डिजाइन बनायी जाती है. इसमें बीच में ज्यादा जगह नहीं छोड़ी जाती. इस डिजाइन को ज्यादातर महीन रेखाओं में बनाया जाता है, जिसमें हाथों को उंगलियों के सिरे से लेकर कोहनियों तक एवं पैरों को अंगूठे से घुटनों तक लगाया जाता है.