इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को मनाया जाएगा. हर घर में पूजा पाठ और व्रत रखने के नियम का पालन किया जाता है आपकी शादी अभी हाल में हुई हैं तो जाहिर है सब कुछ नया लगता है. यहां जानते हैं करवा चौथ का व्रत रखने के समय विशेष तौर पर किन बातों पर ध्यान देना चाहिए.
सरगी से व्रत की शुरूआत : सबसे पहले तो सरगी से व्रत की शुरूआत होती है. अगर आप व्रत रख रही हैं तो सूर्योदय से पहले ही उठ जाएं. स्नान से निवृत्त होकर सरगी का सेवन करें. जिसमें सूखे मेवे, नारियल का पानी या पोषण प्लस ऊर्जा देने वाले आहार को शामिल करें.
करवा चौथ व्रत में दिन भर के उपवास के बाद शाम को चाँद का दीदार कर पति के हाथों पानी पीकर व्रत तोड़ने का रिवाज है. चांद निकालने के बाद पूजा और व्रत कथा का पाठ कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. उसके बाद छलनी से चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अपने पति का चेहरा देखा जाता है.इसके बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत का पारण कराता है. उसके बाद सात्विक आहार लेना चाहिए जो बहुत हैवी ना हो.
नई नवेली दुल्हन हो या फिर अन्य सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. इस खास दिन 16 शृंगार करने का बेहद खास महत्व है. आप भी करवा चौथ पर सुहाग से संबंधित चीजें पहनकर बहुत ही सुंदर से सजें और पूजा करें.
करवा चौथ पर मेहंदी लगाना मत भूलिए. सुहागिन महिलाओं के लिए यह बहुत ही शुभ होता है. आप भी जरूर मेहंदी लगाए और दूसरी महिलाओं के हाथों में भी जरूर लगाएं.
ये तो हो गई क्या करना चाहिए. अब बात क्या नहीं करना चाहिए. तो आपको बता दें कि अगर आप भगवान से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करना चाहती हैं तोे करवा चौथ के दिन काले, भूरे, नीले या सफेद रंग के कपड़े नहीं पहने. इस दिन सुर्ख लाल, गुलाबी और हरे और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभकारी होता है.
अगर आप कुछ महीनों की गर्भवती हैं तो करवा चौथ के व्रत में आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. आपके और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए ये जरूर देख लें कि अगर आप बहुत कमजोर हैं तो व्रत न रखें और डॉक्टर से परामर्श लेकर ही कोई निर्णय लें.
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