Parenting Tips : बच्चों का रूठना और उन्हें मनाना एक हद तक अच्छा लगता है लेकिन जब यह हर वक्त हर दिन ऐसा ही माहौल बनने लगे तो सोचना चाहिए कि इसे कैसे बदलें क्योंकि यह आपके बच्चों के भविष्य के लिए घातक है. क्योंकि हर जगह उनके नखरे उठाने वाले लोग नहीं मिलेंगे. आज की लाइफ में बच्चों की पढ़ाई से लेकर अच्छी देखभाल के लिए माता- पिता दोनों काम करते हैं. इसका एक साइड इफेक्ट यह भी पड़ता है कि कहीं – कहीं भागमभाग में बच्चों को इतना वक्त नहीं दे पाते जितना उन्हें देना चाहिए. आजकल तो कई बच्चे अपनी जिद मनवाने के लिए माता- पिता को ब्लैकमेल तक करने लगते हैं. यह संकेत है कि आपके बच्चे बिगडैल बन रहे हैं सही बात है कि बच्चों का पालन – पोषण करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है. हर माता- पिता अपने बच्चे को प्यार दुलार से लेकर अच्छी देखभाल देने का प्रयास करते हैं लेकिन कभी-कभी हम बच्चे की हर जरूरतों और उनकी हर विश को पूरा करने के बीच की लकीर को भी पार कर जाते हैं.
अगर आपका बच्चा भी इन दिनों उग्र स्वभाव दिखा रहा है तो समस्या के समाधान की दिशा में पहला कदम है उनकी हर जरूरतों को पूरा करने के झुकना छोड़िए. उन्हें अनुशासन का माहौल देते हुए उनकी सीमाओं के बारे में समझाए.
अगर आपका बच्चा बार-बार नखरे दिखाने के साथ गुस्सा दिखाने लगा है तो बच्चे को खुद को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करें. यहां उनकी भावनाओं को समझने की आवश्यकता हैं उन्हें प्रोत्साहित करें और निराशा से निपटने के लिए उपकरण प्रदान करें
जिद्दी व्यवहार की ओर बढ़ रहे बच्चे को कृतज्ञता का भाव सिखाएं.
बिगड़ैल बच्चे अपने पास मौजूद चीज़ों को हल्के में ले सकते हैं और अपने माता-पिता या अन्य लोगों द्वारा उन्हें प्रदान करने के लिए किए गए प्रयासों पर कोई आभार नहीं दिखाते . चाहे वह कोई खिलौना या चॉकलेट ही क्यों ना हो. ऐसे में बच्चे को कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें उन्हें दूसरों के प्रयासों को स्वीकार करने के महत्व को बताएं. इसके साथ ही उन्हें गिफ्ट की बजाय इमोशन्स के बारे में समझाएं.
जिद्दी बच्चों का व्यवहार जैसा घर में होता है वैसा ही बाहर दिखाते हैं इस वजह से उनके दोस्त भी कम बनते हैं और अगर बनते भी हैं तो जल्द ही टूट जाते हैं ऐसे में उन्हें बाहर के लोगों से सही से बातचीत करने और सहानुभूति सिखाने पर ध्यान केंद्रित करें इससे उनका सोशल घेरा मजबूत होगा.
कई बच्चों को लगता है कि वे जहां बैठे माता- पिता या घर के सभी लोगों का विशेष ध्यान उनपर ही बना रहे. इसके लिए वे कुछ खास एक्टिविटी करते रहते हैं ताकि उन्हें टोकते रहे ऐसी आदत को सुधारने के लिए उन्हें दूसरों की भावनाओं और जरूरतों पर विचार करना सिखाएं. उन्हें सहानुभतिपूर्वक समझाने का प्रयास करें.
कई बच्चे अनुभवों या रिश्तों से अधिक वस्तुओं को महत्व देने लगते हैं उनके लिए परिवार के साथ यात्रा के बजाय एक नई घड़ी ज्यादा महत्व रखने लगती हैं समय निकालकर उनके साथ बात करके उन्हें भौतिक चीजों और अमूल्य रिश्तों के बारे में समझाएं इससे स्क्रीन टाइम कम करने से मदद मिल सकती है. स्क्रीन समय, विशेषकर सोशल मीडिया और विज्ञापन पर सीमा निर्धारित करके भौतिकवादी संदेशों और साथियों के प्रेशर को कम करने का प्रयास करें
जब आप अपने बच्चे को हाथ में ले जाकर खाना और पानी देने की आदत बना देती हैं तो फिर उन्हें दूसरों पर निर्भर होने की आदत हो जाती है. ऐसे में जब आप व्यस्त हो तो वे धैर्य खोने लगते हैं. इसलिए उन्हें खुद कुछ जिम्मेदारी लेने की आदत सिखाएं. इसमें कामकाज, व्यक्तिगत स्वच्छता और स्कूल का काम शामिल हो सकता है. इन कुछ सुझावों को अपनाकर आप वक्त पर अपने बच्चे के व्यवहार को बदल सकती हैं.
कई बार तो बच्चे ऐसा भी करते हैं जिसे देखकर आपको गुस्सा आ जाए लेकिन गुस्सा जाहिर करें लेकिन अपशब्दों का इस्तेमाल ना करें. बच्चों को गुस्से के बीच अच्छे से समझाएं कि उसने क्या गलत किया है और उसका क्या प्रभाव होगा. कुल मिलाकर बच्चों का बदलता व्यवहार बदलने के लिए माता- पिता को भी अपने व्यवहार में बदलाव लाने होंगे. तभी आपका बच्चा संपूर्ण विकास की ओर अग्रसर होगा.
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