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Lord Krishna Aarti: भगवान श्री कृष्ण की आरती के साथ संपूर्ण करें जन्माष्टमी की ये पूजा, जानें आरती का महत्व

Lord Krishna Aarti ; भगवान श्री कृष्ण की आरती के साथ संपूर्ण करें जन्माष्टमी की ये पूजा और बनाएं इस जन्माष्टमी को खास आईए जानते है इस लेख के माध्यम से आरती के महत्व के बारे में…

Lord Krishna Aarti : जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, इस खास दिन पर, भगवान कृष्ण की पूजा में आरती का महत्वपूर्ण स्थान होता है, आरती भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है, यहां जानें भगवान श्री कृष्ण की आरती कैसे पूजा में शामिल की जाती है और इसका महत्व क्या है:-

1. आरती का महत्व समझें

– आरती का अर्थ है ‘प्रकाश की पूजा’ और यह पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है, इसमें दीपक की ज्योति को भगवान के सामने दर्शाती है, जिससे भगवान की दिव्य उपस्थिति महसूस होती है.
– आरती करने से मन को शांति और पॉजिटिव एनर्जी मिलती है, यह भक्तों के दिल में भगवान के प्रति भक्ति और प्रेम को गहराई से महसूस कराता है.

2. आरती की तैयारी करें

– आरती के लिए एक सुंदर दीपक तैयार करें जिसमें घी या तेल डाला जाए, दीपक को खुशबू दार फूलों और धूप से सजाएं.
– एक चांदी या पीतल की थाली में दीपक के साथ पूजा सामग्री रखें, जैसे कि कपूर, चंदन, फूल, और मिठाई.

3. आरती विधि से करें

– पूजा स्थल को स्वच्छ करें और भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र को अच्छे से सजाएं.
दीपक को भगवान कृष्ण के सामने रखें और उसे घुमाते हुए आरती गाएं, आरती गाते समय दीपक को भगवान की मूर्ति के चारों ओर घुमाएं.
– ध्यान दें कि आरती को प्रेमपूर्वक और श्रद्धा से करें, जिससे भगवान कृष्ण को आपकी भक्ति का अहसास हो सके

4. आरती का सही समय

– जन्माष्टमी की पूजा के समय, विशेष रूप से रात्रि को कृष्ण जन्म के समय (मध्यरात्रि) आरती का आयोजन करें, यह समय भगवान कृष्ण के जन्म का समय माना जाता है, इसलिए आरती को इसी समय पर करना खास महत्व रखता है.

5. आरती के लाभ

– आरती के दौरान भगवान के सामने दीपक जलाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह होता है और नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव कम होता है.
– यह आरती न केवल भगवान को प्रसन्न करती है, बल्कि भक्तों को मानसिक और आत्मिक शांति भी प्रदान करती है

6. आरती के बाद

– आरती के बाद भगवान को भोग अर्पित करें और परिवार के साथ प्रसाद का वितरण करें.
– आरती के साथ पूजा को समाप्त करते समय, भगवान कृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करें और उनके दिव्य गुणों को जीवन में अपनाने का संकल्प लें.

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इस प्रकार, भगवान श्री कृष्ण की आरती जन्माष्टमी की पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा है, यह न केवल भगवान के प्रति श्रद्धा प्रकट करता है बल्कि पूजा की भावना को भी गहराई से महसूस कराता है, इस दिन की पूजा को विशेष और पूर्ण बनाने के लिए आरती का आयोजन करें और भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद का लाभ उठाएं.

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