रिश्तों में ब्रेकअप का समय
शुरुआत में हर प्यार भरा रिश्ता रूमानी होता है सब कुछ अच्छा लगता है. लेकिन समय के साथ अक्सर चीज़ें इतनी खराब हो जाती हैं कि कोई कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन हर रोज हर बात पर तकरार होती है और कभी -कभी तो यह बढ़कर लड़ाइयों में बदल जाती है . ये संकेत होता है कि आप का रिश्ता अब कमजोर हो रहा है . कई बार तो ऐसे भी हालात बनते हैं कि आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लें कुछ चीज़ें कभी ठीक नहीं हो पाती. अगर आप को भी नीचे दिए गए संकेत अपने रिश्ते में देखने को मिल रहे हैं तो शायद अब आप के ब्रेकअप का समय आ चुका है.
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हर रिश्ते की मजबूती उसकी मजबूत जड़ों में होती है. अगर ये जड़ कमजोर हो जाए तो कोई भी रिश्ता चाहे वो कितना भी पुराना या मजबूत क्यों न हो वो टूटने लग जाता है. अगर आप का पार्टनर आप की बातें न सुनता हो या सुनकर अनसुना करता हो या चीज़ें समझकर भी आपकी बात नहीं समझ पाता है तो इसका मतलब ये है कि आप का रिश्ता बेहद ही कमजोर होता जा रहा है .
आप की जरूरतें और चाह का अलग होना
हर इंसान की एक निजी जिंदगी होती है और वो इंसान अपनी जरूरतों और अपनी काबिलियत के अनुसार बढ़ना चाहता है. एक अच्छे पार्टनर की ये निशानी होती है कि वो अपने पार्टनर को हमेशा आगे बढ़ने में मदद करे . जब दो लोग एक साथ होते हैं तो दोनों के कुछ कॉमन गोल्स होते हैं और जब दोनों में से एक इंसान उन गोल्स से भागने लगे या अलग भटकने लगे तो ये निशानी है कि वो इंसान आप से अलग होना चाहता है.
अकेलापन महसूस होना
किसी जोड़े के लिए शारीरिक साथ ही सबकुछ नहीं होता. कई बार आप 24 घंटे भी एक इंसान के साथ रहकर खुद को अकेला महसूस कर सकते हैं क्योंकि वो इंसान सिर्फ शरीर से आपके साथ मौजूद है लेकिन उसका मन कहीं और ही होता है. ऐसी हरकतों से ये साबित होता है कि उस रिश्ते में इमोशनल इंटिमेसी की भारी कमी है जो रिश्ते को कमजोर बनाती है.
खुद को अनदेखा या अनसुना महसूस करना
एक अच्छे रिश्ते की यही निशानी होती है कि उसमें शानदार अंडरस्टैंडिंग हो . कई बार ऐसा होता है कि आपका पार्टनर आप की कद्र करना बिल्कुल बंद कर देता है . आपकी जरूरतों को देख कर अनदेखा करना या जब आप उनसे अपनी दुख दर्द बताओ तो सुन के बस अनसुना कर देता है. या फिर आप अपनी भावनाओं को उसके साथ शेयर करें तो सामने वाले को चिढ़ होती है तो आप कितना भी बर्दाश्त करें लेकिन सच तो यह है कि ऐसे रिश्ते में दरार आ गई है
रोज – रोज लड़ाइयां होना
यूं तो लड़ाइयां हर रिश्ते में होती है लेकिन अगर ये लड़ाइयां रोज- रोज की हो जाए तो ये दिक्कत की बात है. हर रोज लड़ाइयों से मनमुटाव ज्यादा बढ़ जाते हैं और एक समय के बाद लोगों में लड़ाइयों को सुलझाने की क्षमता खत्म हो जाती है. इसके बाद लोगों में रिश्ते को खत्म करने की इच्छा बढ़ जाती है. ये इशारा है कि अब रिश्तों में ब्रेक का टाइम आ गया है.
रिपोर्ट -पुष्पांजलि
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