Navratri Day 4 Bhog Recipe: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है. चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती है, जिन्हें सृष्टि की रचयिता माना जाता है. भक्त मां कूष्माण्डा को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाते हैं, और इसमें कुट्टू के आटे से बने मालपूए (Malpua) और पपीता रबड़ी (Papaya Rabadi) का भोग विशेष महत्व रखता है. यह प्रसाद स्वास्थ्यवर्धक और सात्विक होता है, जो न केवल मां को प्रसन्न करता है, बल्कि व्रतधारियों के लिए भी पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है. आइए जानते हैं इस विशेष भोग की रेसिपी.
कुट्टू के मालपूए: Malpua Recipe
सामग्री:
- 1 कप कुट्टू का आटा
- 1/2 कप दही
- 2 टेबलस्पून चीनी (वैकल्पिक)
- 1/2 टीस्पून सौंफ
- 1 कप पानी
- घी (तलने के लिए)
- सूखे मेवे (कटे हुए, सजाने के लिए)
Malpua Recipe बनाने की विधि
1. सबसे पहले एक बाउल में कुट्टू का आटा, दही, चीनी, और सौंफ डालें. धीरे-धीरे पानी डालकर इसे अच्छी तरह से मिलाएं ताकि एक चिकना और गाढ़ा घोल तैयार हो जाए. ध्यान दें कि घोल न ज्यादा पतला हो और न ही ज्यादा गाढ़ा.
2. इस घोल को 10-15 मिनट के लिए ढक कर रख दें ताकि आटा अच्छे से फूल जाए और सौंफ का स्वाद घोल में अच्छी तरह से मिल जाए.
3. अब कड़ाही में घी गर्म करें. जब घी मध्यम आंच पर गर्म हो जाए, तो चमचे से थोड़ा-थोड़ा घोल लेकर कड़ाही में डालें और गोल आकार में फैलाएं. मालपुए को धीमी आंच पर दोनों तरफ से सुनहरा भूरा होने तक तलें. इसे तलने के बाद एक प्लेट पर निकालें.
4. तले हुए मालपुए को कटे हुए सूखे मेवों से सजाएं. चाहें तो आप इसे थोड़ी चीनी की चाशनी में भी डुबो सकते हैं.
पपीता रबड़ी: Papaya Rabadi Recipe
सामग्री:
- 1 लीटर दूध
- 1 कप पका हुआ पपीता (मसला हुआ)
- 1/4 कप चीनी
- 1/2 टीस्पून इलायची पाउडर
- कुछ धागे केसर (वैकल्पिक)
- सूखे मेवे (कटे हुए, सजाने के लिए)
विधि:
1. सबसे पहले एक भारी तले की कड़ाही में दूध को मध्यम आंच पर गर्म करें. दूध को उबाल आने तक चलाते रहें ताकि वह तली में चिपके नहीं. इसे उबलने के बाद धीमी आंच पर 20-25 मिनट तक पकाएं, जब तक कि दूध आधा न हो जाए और गाढ़ा हो जाए.
2. जब दूध अच्छी तरह से गाढ़ा हो जाए, तो उसमें चीनी और इलायची पाउडर डालें. इसे अच्छी तरह से मिलाएं. फिर mix हुआ पका पपीता डालें और इसे भी दूध में अच्छी तरह से मिक्स करें.
3. यदि आप केसर का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे थोड़े से गर्म दूध में भिगोकर रबड़ी में मिला दें. इससे रबड़ी में एक सुगंधित स्वाद और हल्का पीला रंग आ जाएगा.
4. पपीता रबड़ी को अच्छे से ठंडा होने दें. ठंडा होने के बाद इसे कटे हुए सूखे मेवों से सजाएं और ठंडी-ठंडी परोसें.
भोग लगाने की विधि:
मां कूष्माण्डा के पूजन के बाद, कुट्टू मालपूए और पपीता रबड़ी का भोग लगाएं. पूजा में सात्विक और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. यह भोग अर्पित करने से पहले भगवान को प्रसन्न करने के लिए ध्यान और मंत्रोच्चारण करें. इसके बाद भोग को घर के सभी सदस्यों में वितरित करें और प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें.
कुट्टू के आटे का इस्तेमाल व्रत के दौरान अत्यंत पौष्टिक माना जाता है. यह ग्लूटन फ्री होता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है. वहीं, पपीता रबड़ी पाचन को बेहतर करती है और मां कूष्माण्डा के प्रति विशेष श्रद्धा दिखाने का यह एक उत्तम तरीका है.
इस नवरात्रि, मां कूष्माण्डा को इस स्वादिष्ट भोग से प्रसन्न करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का आगमन करें.
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