Mahagauri Mata ki Aarti: नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां महागौरी का रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है. इनके रंग की उपमा शंख, चन्द्र देव और कन्द के फूल से की जाती है. मां शैलपुत्री की तरह इनका वाहन भी बैल है . इसलिए इन्हें भी वृषारूढ़ा कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि श्वेताम्बरधरा के नाम से प्रसिद्ध बैल की सवारी करने वाली महागौरी की पूजा जो कोई भी विधिपूर्वक करता है उन्हें राहु का संकट नहीं सताता. आइये जानते हैं देवी महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, स्तुति, स्त्रोत, प्रार्थना और आरती…
मां महागौरी पूजा विधि
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सर्वप्रथम भगवान गणेश और मां महागौरी का ध्यान करें.
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मां के समक्ष दीपक जलाएं
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मां महागौरी को सात बार सिंदूर अर्पित करें.
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सुहागन स्त्रियों को ये सिंदूर बाद में अपनी मांग में लगाना चाहिए.
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कुमकुम या रोली से मां का तिलक करें और मां को लाल चुनरी अर्पित करें और समृद्धि और सौभाग्य की कामना करें.
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अब मां को फल, फूल मिष्ठान और भोग अर्पित करें.
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मां महागौरी की कृपा प्राप्ति के लिए उनके आराधना मंत्र का जाप करें.
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शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी को नारियल और हलवा का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
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आपको महागौरी के इस मंत्र का 21 बार जप करके लाभ उठाना चाहिए . मंत्र है-
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सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके.
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शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते..
महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती ‘सत’ हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
‘चमन’ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥
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