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Mahalaya 2023: आज है महालया, जानें इस दिन का महत्व एवं पौराणिक मान्यताएं

Mahalaya 2023: महालया (Mahalaya 2023) देवी पक्ष की शुरुआत का शंखनाद भी करता है. विशेष रूप से बंगालियों के लिए महालया का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन का अर्थ यह है कि दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja 2023 Festival) की शुरुआत होती है.

Mahalaya 2022 Date: महालया आज 14 अक्टूबर को है. हिंदू धर्म में विशेष कर बंगाली समुदायों ( Bengali communities) में इस दिन का विशेष महत्व है. यह दिन पितृ पक्ष (Pitru Paksh) के अंत का प्रतीक भी है जिसे पितरों के श्राद्ध के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इतना ही नहीं महालया (Mahalaya 2023) देवी पक्ष की शुरुआत का शंखनाद भी करता है. विशेष रूप से बंगालियों के लिए महालया का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन का अर्थ यह है कि दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja 2023 Festival) की शुरुआत होती है.

महालया 2023: तिथि और समय

महालया आमतौर पर भाद्र माह के अंधेरे पखवाड़े के आखिरी दिन (आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में) पड़ता है। इस वर्ष, यह 14 अक्टूबर को मनाया जाएगा। तिथि चंद्र गणना के आधार पर निर्धारित की जाती है, और यह देवी पक्ष की शुरुआत का प्रतीक है, जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित एक विशेष समय है।

महालया 2023 परंपरा, रीति-रिवाज ( Mahalaya 2023 Traditions, Customs)

महालय पर, हर बंगाली परिवार सुबह सूरज उगने से पहले उठता है. यह अवसर विभिन्न प्रथाओं और अनुष्ठानों से जुड़ा हुआ है. बहुत से लोग इस दिन अपने पूर्वजों की दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं और पितरों का ‘तर्पण’ करते हैं. जरूरतमंदों को भोजन और सामग्री दान करते हैं. ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं. कुछ हिंदू परिवार इस दिन पितृ तर्पण की रस्म अदा करते हैं, जिसमें वे दिवंगत पूर्वजों के लिए गंगा नदी के तट पर प्रार्थना और पिंड दान करते हैं.

महालया का महत्व, पौराणिक मान्यताएं (Importance of Mahalaya, Mythological beliefs)

महालया दुर्गा पूजा (Durga Puja) की शुरुआत को बताता है. आम तौर पर, लोगों का मानना है कि इस दिन, देवी दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्वी पर अपने मायके तक की अपनी यात्रा शुरू करती हैं – जहां वह अपने पति भगवान शिव के साथ रहती हैं. किंवदंतियों के अनुसार, यह माना जाता है कि मां दुर्गा अपनी लंबी यात्रा अपने बच्चों – गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ पृथ्वी पर पहुंचने के लिए अपनी पसंद के वाहन पर करती हैं. उनका वाहन पालकी, नाव, हाथी या घोड़ा में से कुछ भी हो सकता है. यह भी माना जाता है कि उनके वाहन का चुनाव यह निर्धारित करता है कि मां दुर्गा का आगमन मानव जाति के लिए आपदा लेकर आयेगा या समृद्धि होगी.

दुर्गा पूजा 2023 की तिथियां

  • 15 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का पहला दिन( मां शैलपुत्री की पूजा)

  • 16 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का दूसरा दिन( मां ब्रह्मचारिणी की पूजा)

  • 17 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का तीसरा दिन( मां चंद्रघंटा की पूजा)

  • 18 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का चौथा दिन( मां कूष्मांडा की पूजा)

  • 19 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का पांचवां दिन( मां स्कंदमाता की पूजा)

  • 20 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का छठा दिन( मां कात्यायनी की पूजा)

  • 21 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का सातवां दिन( मां कालरात्रि की पूजा)

  • 22 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का आठवां दिन( मां सिद्धिदात्री की पूजा)

  • 23 अक्टूबर 2023: नवरात्रि का नौवां दिन( मां महागौरी की पूजा)

  • 24 अक्टूबर 2023: दशमी तिथी(दशहरा)

महालया का महत्व (Mahalaya Significance)

पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के अलावा, यह दिन सत्य और साहस की शक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत को उजागर करने के लिए मनाया जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि देवी दुर्गा सभी सर्वोच्च देवताओं की शक्तियों द्वारा महिषासुर नाम के एक राक्षस को मारने के लिए अवतरित हुई थीं.

महालया का इतिहास

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने अत्‍याचारी राक्षस महिषासुर के संहार के लिए मां दुर्गा का सृजन किया. महिषासुर को वरदान मिला हुआ था कि कोई देवता या मनुष्‍य उसका वध नहीं कर पाएगा. ऐसा वरदान पाकर महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया और उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया. देवता युद्ध हार गए और देवलोकर पर महिषासुर का राज हो गया. महिषासुर से रक्षा करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना की. इस दौरान सभी देवताओं के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया. शस्‍त्रों से सुसज्जित मां दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक भीषण युद्ध करने के बाद 10वें दिन उसका वध कर दिया. दरसअल, महालया मां दुर्गा के धरती पर आगमन का द्योतक है. मां दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि www.prabhatkhabar.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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