Mahashivratri 2024: 8 मार्च 2024 यानी कि शुक्रवार को महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाने वाला है. इस दिन पूरी दुनिया भगवान शिव की भक्ति में लीन रहने वाला है. महाशिवरात्रि के त्यौहार के आने में फिलहाल कुछ दिनों का समय बाकी है. ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम भगवान शिव के कुछ नाम और उनका क्या मतलब होता है इस बात की जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए उनके नामों और उनके अर्थ के बारे में विस्तार से जानते हैं.
भगवान शिव को आशुतोष क्यों कहा जाता है?
अगर आप नहीं जानते हैं तो बता दें भगवान शिव को आशुतोष के नाम से भी जाना जाता है. आशु का मतलब होता है तुरंत और तोश का मतलब होता है तुष्ट होने वाला अथवा प्रसन्न होने वाला. भगवान अपने भक्तों की प्रार्थना से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें आशुतोष कहा जाता है. भगवान शिव महज जल के अभिषेक से ही खुश हो जाते हैं. उन्हें प्रसन्न करने के लिए कुछ और करने की जरूरत नहीं पड़ती है.
भगवान शिव को अर्धनारीश्वर क्यों कहा जाता है?
अर्धनारीश्वर का तात्पर्य आधा नर और आधा नारी से है. इस बारे में पौराणिक कथा में भी कहा गया है. भगवान के सामने नर-मादा के बीच कोई अंतर नहीं है. जैसे भगवान विष्णु ने पुरुष के रूप में कई लीलाएं की, उसी प्रकार वे मोहिनी रूप में नारी बनकर आए. इसी तरह भगवान शिव के भी कई अंशावतार हैं, उन्होंने भी नारी स्वरूप धरा था, जिस वजह से उन्हें अर्धनारीश्वर कहा गया है.
भगवान शिव को महेश्वर क्यों कहा जाता है?
महेश्वर का मतलब होता है महा और इश्वर. भगवान शिव ईश्वर होने के साथ ही महान भी हैं. इसी लिए भगवान शिव को महेश्वर भी कहा जाता है.
भगवान शिव को रूद्र क्यों कहा जाता है?
भगवान शिव को रूद्र के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि, वे दुखों का नाश करते हैं.
भगवान शिव को भोलेनाथ क्यों कहा जाता है?
आपने भगवान शिव के लिए भोलेनाथ शब्द का इस्तेमाल तो किया ही होगा. लेकिन, क्या आप इसका अर्थ जानते हैं? आप सभी ने भगवान शिव और भस्मासुर की कहानी तो सुनी ही होगी. जब भी कोई सच्चे मन और कठोर भाव से भगवान शिव की आराधना करता है और उनसे कोई वरदान की मांग करता है तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सभी मनकामनाएं पूरी कर देते हैं. यहीं कारण है कि उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है.