Mahavir Jayanti 2022:महावीर जयंती कल, जानें इस दिन का इतिहास,महत्व,भगवान महावीर ने बताए हैं ये पांच नियम
Mahavir Jayanti 2022: महावीर जयंती जैन धर्म के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह पर्व जैन धर्म के 24 वें और अंतिम आध्यात्मिक नेता, भगवान महावीर के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है.
Mahavir Jayanti 2022: इस साल महावीर जयंती 14 अप्रैल को पड़ रही है. महावीर जयंती हिंदू कैलेंडर के चैत्र महीने के 13 वें दिन को भी चिह्नित करती है. महावीर जयंती जैन धर्म के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह पर्व जैन धर्म के 24 वें और अंतिम आध्यात्मिक नेता, भगवान महावीर के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है. महावीर जयंती के शुभ दिन आइए जानते हैं इस पर्व के बारे में, इसके इतिहास और महत्व के बारे में.
Mahavir Jayanti Date: महावीर जयंती 2022 तारीख
इस वर्ष महावीर जयंती 14 अप्रैल को मनाई जा रही है. यह दिन आम तौर पर मार्च या अप्रैल के महीनों में पड़ता है.
Mahavir Jayanti History: महावीर जयंती इतिहास
कहा जाता है कि भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में हिंदू कैलेंडर के चैत्र महीने के 13 वें दिन हुआ था. उनका जन्मस्थान कुंडलग्राम, बिहार है जहां आज भी भगवान महावीर के कई मंदिर मौजूद हैं. उन्हें जैन धर्म का संस्थापक भी माना जाता है, और वे आस्था के 24 वें और अंतिम तीर्थंकर थे. तीर्थंकर धार्मिक ज्ञान प्रदान करने वाले शिक्षक हैं. उनका जन्म इक्ष्वाकु वंश में राजकुमार वर्धमान के रूप में हुआ था. सम्राट बनने में कोई दिलचस्पी नहीं होने के कारण, उन्होंने 30 साल की उम्र में सारी सांसारिक संपत्ति और अपना घर छोड़ दिया.
भगवान महावीर सत्य की तलाश में गए और अपनी यात्रा में मानवीय कष्टों और उनके दर्द को देखा. उन्होंने एक सामान्य जीवन जिया और अंततः ज्ञान प्राप्त किया. वह नहीं रुके और अपनी यात्रा जारी रखी जहां उन्होंने लोगों को उपदेश दिया कि वे कैसे मोक्ष (शांति), और जन्म, जीवन और दुख के चक्र से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं.
Mahavir Jayanti Significance: महावीर जयंती का महत्व
जैन धर्म के लोगों के लिए महावीर जयंती सबसे बड़ा दिन माना जाता है. भगवान महावीर ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए मनुष्यों के लिए पांच नियम स्थापित किए और ये हैं अहिंसा ((non-violence), अस्तेय (Non-Stealing), ब्रह्मचर्य (Celibacy), सत्य (Truth) और अपरिग्रह (Non-Possession).
भगवान महावीर की जयंती पर लोग भगवान महावीर की पूजा करते हैं और गरीबों को दान देते हैं. इस दिन बड़ी संख्या में लोग जुलूस के रूप में शोभा यात्रा में शामिल होते हैं.