Makar Sankranti 2024 : सूर्य के उत्तरायण से क्या होगा असर ? जानिए मकर संक्रांति के पीछे का विज्ञान
Makar Sankranti 2024 : सूर्य के चारों ओर पृथ्वी जितने समय में एक चक्कर लगाती है, उसे सौर वर्ष कहते हैं. सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है.मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं.जानिए मकर संक्रांति के पीछे का विज्ञान.
हिंदू कैलेंडर सूर्य की गति पर आधारित
हिंदू कैलेंडर सूर्य की गति पर आधारित है. सूर्य के चारों ओर पृथ्वी जितने समय में एक चक्कर लगाती है, उसे सौर वर्ष कहते हैं. सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है. मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में धूम-धाम से मनाया जाता है. इस दिन से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसके पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण भी है,
गर्मी के आगमन का प्रतीक
मकर संक्रांति के दिन से पृथ्वी अपने उत्तरी भाग में घूमना शुरू करती है और इसे ठंड का मौसम खत्म होने और गर्मियाें की शुरुआत माना जाता है. इससे पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है, जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं. मकर संक्रांति सूर्य के दिनों यानी गर्मी के आगमन का प्रतीक पर्व होता है.
क्या कहता है खगोल विज्ञान
खगोल विज्ञान कहता है कि अपने सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घूमने से हर 6 महीने में पृथ्वी पर पड़नेवाली सूर्य की किरणों का एंगल बदलता है. यह 6 महीने दक्षिणायन और 6 महीने उत्तरायण में रहता है. मकर संक्रांति पर दिन और रात दोनों का समय बराबर हो जाता है. मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं.
मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण
वैज्ञानिकों के मुताबिक 14/15 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे नजदीक होती है, लेकिन सूर्य की किरणें उसपर सीधी नहीं पड़ती हैं, इसलिए तब तक ठंड रहती है. सूर्य के उत्तरायण होने के बाद से सर्दियां धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं. सूर्य के उत्तरायण होने से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं.