Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्यौहार भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक माना जाता है. इस दिन को हिन्दू धर्म में शुभ माना जाता है. साथ मकर संक्रांति प्रकृति में बदलाव के संकेत भी देते हैं. इसी दिन से रात छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं. मकर संक्रांति का त्योहार भारत, नेपाल और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में प्रमुख रूप से मनाया जाता है. इस त्योहार को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग नामों से जाना जाता है. पंजाब में मकर संक्रांति को लोहड़ी, तमिलनाडु में पोंगल और कई जगह इसे खिचड़ी के नाम से जानते हैं. साल 2025 में मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा.
मकर संक्रांति का त्योहार पतंगबाजी के लिए काफी प्रसिद्ध है. यही कारण है कि इसे पतंग महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. ज्यादातर गुजरात और राजस्थान के लोग मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाते हैं. इस दिन खिचड़ी, तिल और गुड़ के लड्डू बनाए जाने के साथ दान करने की परंपरा है. ऐसे में आइए जानते हैं देश के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति के त्योहार पर बनने वाले खास पकवानों के बारे में.
खिचड़ी
मकर संक्रांति के दिन उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा पूरे उत्तर भारत में खिचड़ी बनाई जाती है. उत्तर भारत में इस त्योहार को तो खिचड़ी पर्व के नाम से ही जाना जाता है. खिचड़ी बनाने के लिए लोग दाल-चावल के अलावा, कई मौसमी सब्जियों का भी इस्तेमाल करते हैं. माना जाता है कि खिचड़ी का सेवन करने से मौसम के बदलाव के कारण होने वाली बीमारियां ठीक होती हैं.
दही-चूड़ा
मकर संक्रांति के त्यौहार पर बिहार के कुछ इलाकों और झारखंड में दही-चूड़ा बनाया जाता है. जिसे लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं. ऐसे में बिहार और झारखंड के अलावा अन्य राज्य के लोग भी दही-चूड़ा बनाकर खा सकते हैं. दही में चूड़ा के साथ चीनी या गुड़ मिलाकर इसे बनाया जाता है.
पुरन पोली
मकर संक्रांति के त्योहार पर महाराष्ट्र में पुरन पोली बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए चना दाल और गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है. इन तीनों को आटे में भरकर रोटी बनाई जाती है और फिर घी के साथ इसे बड़े चाव के साथ खाया जाता है.
गजक
मकर संक्रांति के त्यौहार पर गजक खूब पसंद किया जाता है. गजक को तिल को भूनकर बनाया जाता है. इसको बनाने के लिए तिल के साथ घी, चीनी या गुड़ और ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल किया जाता है. यह माना जाता है कि गजक की शुरुआत मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से हुई है.
गन्ने के रस की खीर
पंजाब में इस त्योहार को लोहड़ी के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग गन्ने के रस की खीर बनाते हैं. गन्ने के रस से खीर बनाने के लिए दूध और भुने हुए सूखे मेवे का इस्तेमाल किया जाता है.
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