March 2021 Vrat And Festival, Mahashivratri, Holashtak, Holika Dahan, Holi, Womens Day, Date & Timing, Importance: आज से मार्च महीना शुरू हो चुकी है. इस महीने में विश्व महिला दिवस जैसा खास दिन है, तो महाशिवरात्रि, होली और शब-ए-बारात जैसे बड़े पर्व भी मनाये जायेंगे़ सबसे खास बात है कि मार्च महीने की शुरुआत ही कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन के दूसरे चरण से हो रही है़ इस चरण 60 वर्ष से अधिक उम्रवाले आम लोगों को वैक्सीन लगायी जायेगी़ हालांकि 45 से 60 वर्ष के बीच के लोगों को भी वैक्सीन की खुराक दी जायेगी, लेकिन इस एज ग्रुप के उन्हीं लोगों को वैक्सीन मिलेगी जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. वहीं आज से करीब 11 महीने से बंद कॉलेज, स्कूल (आठवीं, नौवीं और 11वीं), कोचिंग संस्थान, पार्क, सिनेमाघरों पर लगे ताले भी खुल जायेंगे. आज ही रांची विवि का ऑनलाइन दीक्षांत समारोह होगा. यानी हर किसी के लिए यह शुभ मार्च है…
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अंगारक चतुर्थी व्रत है. यह चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इसमें व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि व्रत करने से वर्ष भर के चतुर्थी व्रत का फल प्राप्त होता है. संकष्टी चतुर्थी 2 मार्च 2021, मंगलवार को पड़ रही है. इसका आरंभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 46 मिनट से है जो अगले दिन अर्थात 03 मार्च की, बुधवार की रात 02 बजकर 59 मिनट तक मनाई जायेगी.
इस दिन विश्व महिला दिवस है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक मजदूर आंदोलन से उपजा है. इसका बीजारोपण वर्ष 1908 में हुआ था, जब 15 हजार औरतों ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी. इसके अलावा बेहतर वेतन और मतदान करने का अधिकार भी मांग थी.
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकदाशी के नाम से जाना जाता है. इस बार यह शुभ तिथि नौ मार्च को है. शास्त्रों में विजया एकादशी को सभी व्रतों में सबसे उत्तम माना गया है. मान्यता है कि इस व्रत के करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. विजया एकादशी का व्रत करने से दोनों लोकों में विजय मिलती है.
महाशिवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन व्रत रखने का भी विधान है. यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन सच्चे मन से शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
सनातन धर्म में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का विशेष महत्व है और यह शुभ तिथि इस बार 13 मार्च को पड़ रही है. इसलिए इसे शनैश्चरी अमावस्या का योग बना है. अगर आप शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित हैं तो शनि अमावस्या का दिन आपके लिए विशेष शुभ है.
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हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है. इस दिन व्रत रखने का विधान है. इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने बाद लड्डु का भोग लगाया जाता है.
होली से आठ दिन पहले हर साल होलाष्टक आरंभ हो जाता है. इस साल यह तिथि 21 मार्च को है. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से फाल्गुन पूर्णिमा तक का समय होलाष्टक कहा गया है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित बताया गया है.
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फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी कहते हैं. इस बार यह शुभ तिथि 24 मार्च को है. इस दिन गृहस्थ इस व्रत का उपवास रखते हैं. इसी दिन काशी विश्वनाथ का शृंगार होता है. रंगों के त्योहार होली से पहले पड़नेवाली एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है. 25 मार्च को वैष्णवजन एकादशी की पूजा-अर्चना करेंगे.
सनातन धर्म में होली का त्योहार सबसे महत्वपूर्ण माना गया है़ शास्त्रों में बताया गया है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन से होलाष्टक से जमा की गयी लकड़ियों और उपलों को एकत्रित करके उसकी पूजा की जाती है. शुभ समय पर होलिका दहन किया जाता है. यह पर्व सत्य और अच्छाई का पर्व है.
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चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को रंगवाली होली मनायी जाती है. यह होलिका दहन के अगले दिन मनायी जाती है. इस दिन एक-दूसरे के रंग लगाया जाता है और इस पर्व को वसंतोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गणगौर पूजा का भी आरंभ हो जायेगा.