Marigold Flowers: हिन्दू त्योहारों, पूजा और अनुष्ठानों के दौरान कई फूलों को भगवान को अर्पित किया जाता है, जिनमें से एक गेंदें का फूल भी है. यह एक ऐसा फूल है जो हर पूजा में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि आखिर इस फूल में ऐसा क्या है, जो इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक है. गेंदा फूल को मैरीगोल्ड नाम से भी जाना जाता है. यह नारंगी और पीले रंगों में पाया जाता है और इसके बारे में ऐसा माना जाता है कि यह फूल देवी-देवताओं को बहुत अधिक प्रिय है. अगर आप भी पूजा-पाठ में गेंदे के फूल का इस्तेमाल करते हैं तो इस लेख में आपको यह बताया जा रहा है कि आखिर इस फूल में ऐसे क्या गुण हैं, जो इसे बाकी फूलों से अलग बनाते हैं.
सूर्य देव को है प्रिय
गेंदे के फूल को भगवान सूर्य देव का प्रिय फूल माना जाता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि गेंदे का पीला और नारंगी रंग, सूर्योदय और सूर्यास्त का प्रतीक माना जाता है. इसके गहरे रंग को अग्नि का भी प्रतीक समझा जाता है, जो ऊर्जा और प्रकाश का प्रतीक है. सूर्य भगवान को बहुत अधिक प्रिय होने के कारण अगर आप इस फूल को सूर्य भगवान को चढ़ाते हैं तो आपको आपके मनचाहे फल की प्राप्ति हो सकती है.
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सकारात्मक ऊर्जा का है प्रतीक
कई लोग पूजा के दौरान और अपने घर में तोरण के निर्माण में भी गेदें के फूल का इस्तेमाल करते हैं, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि गेंदे के फूल को सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है और इसके बारे में ऐसा माना जाता है कि लोगों को गेंदे के फूल को देख कर खुशी का अनुभव होता है. तोरण के निर्माण में इसका इस्तेमाल किये जाने पर यह घर में ताजगी भी लेकर आता है.
शांति का है प्रतीक
अलग-अलग देवी-देवताओं को अलग-अलग फूल प्रिय होता है. ऐसा कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी को कमल बहुत पसंद है, देवी काली को गुड़हल बहुत पसंद है और गेंदा भगवान विष्णु, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को भी बहुत प्रिय है. यह घर में शांति लाने में मदद करता है. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि जब देवताओं को गेंदा चढ़ाया जाता है, तो यह देवताओं को बहुत पसंद आता है और उनकी विशेष कृपा आप पर बनी रहती है.
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