Relationship Tips: सुखी एवं खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए नवविवाहिता इन बातों का रखें ख्याल
व्यवहार विशेषज्ञों का मानना है कि नये दंपती के भी कुछ कायदे और शिष्टाचार होते हैं, इसलिए सुखी दांपत्य जीवन जीने के लिए नवविवाहिताओं को उनका ध्यान रखना चाहिए.
Relationship Tips: आजकल शादियों का दौर जारी है. कई युवक-युवतियां शादी के बंधन में बंधकर नये जीवन की शुरुआत कर रहे हैं. रिश्तों में प्रगाढ़ता और मजबूती के लिए एक-दूसरे का सम्मान बहुत जरूरी है. हालांकि, कभी-कभार ऐसे हालात बन जाते हैं कि बातों ही बातों में पति-पत्नी के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ये सब हमारे भीतर शिष्टाचार की कमी की वजह से होता है. दरअसल, हम बाहरी लोगों के साथ तो बड़े अदब के साथ पेश आते हैं और उन्हें क्या अच्छा या बुरा लगेगा, इस बात का खासा ध्यान रखते हैं. मगर, अक्सर अपने घर में ही सामान्य शिष्टाचारों के प्रति लापरवाह हो जाते है. व्यवहार विशेषज्ञों का मानना है कि नये दंपती के भी कुछ कायदे और शिष्टाचार होते हैं, इसलिए सुखी दांपत्य जीवन के लिए नवविवाहिताएं बन बातों को ध्यान में रखकर सुखी एवं खुशहाल जिंदगी का आनंद ले सकती हैं.
दूसरी महिलाओं की प्रशंसा से न चिढ़ें
दूसरी किसी महिला की प्रशंसा अपने पति के मुंह से सुनते ही कई महिलाएं चिढ़ जाती हैं. उनके मन में ईर्ष्या उत्पन्न हो जाती है और कुछ के मन में तो शक का बीज पनप जाता है. कुछ महिलाएं भावुक होकर पति को खरी-खोटी सुनाने लगती हैं या फिर मुंह फुलाकर बैठ जाती हैं. कई तो आंखों से आंसू बहाते हुए यह भी कहने लगती हैं, ‘तुम्हें तो मेरी कोई चीज अच्छी नहीं लगती, सारे दिन उसी के गुण गाते रहते हो, फिर उसी के पास जाओ ना.. यह आदत बिल्कुल अच्छी नहीं. दूसरी महिला की प्रशंसा का यह मतलब न निकालें कि पति आपकी बुराई कर रहे हैं.
घुमाफिरा कर न कहें अपनी बात
कुछ महिलाएं किसी बात को साफ-साफ नहीं कहतीं और घुमाफिरा कर पहेली सी बुझाती हैं. पति उनकी बात समझ नहीं पाते, तो वे ताने कसने लगती हैं. जैसे, ‘मेरी भाभी तो अपने पीहर गयी है. भैया ने अपने साले के लिए नया आइ फोन गिफ्ट किया है. ऐसा सुनकर वे पति को परोक्ष रूप से कहना चाहती हैं कि मैं भी मायके जाऊं तो मेरे भाई के लिए कोई बढ़िया गिफ्ट दिलवाना. लेकिन, पति इस बात को समझ नहीं पाता तो वे चिड़चिड़ी होकर दुर्व्यवहार करने लगती हैं. ऐसी आदत से पुरुष परेशान हो जाते हैं और कई बार झगड़ा होने की नौबत आ जाती है.
बात-बात में रोना ठीक नहीं
महिलाओं द्वारा बात-बात में आंसू बहाना पुरुषों को बिल्कुल भी नहीं सुहाता. फिल्मों के भावुक दृश्य हों, बच्चे को बुखार आ जाये, काम वाली बाई तीन दिनों तक ना आये, नाखून टूट जाये या पुरुष किसी बात पर ध्यान न दे पाये.. कोई भी बहाना चलेगा. और तो और वे खुशी में भी आंसू बहाने लगती हैं, तो कभी-कभी पुरुष इसे नाटक समझने लगते हैं.
संबंध को न बनायें बात मनवाने का हथियार
संबंध स्त्री और पुरुष दोनों की नैसर्गिक जरूरत है, लेकिन पुरुष इस मामले में जरा से कमजोर पड़ जाते हैं. कुछ महिलाएं कई बार इस प्राकृतिक जरूरत को अपना हथियार बना लेती हैं. कोई भी बात मनमानी हो या हल्की सी झड़प भी हो गयी हो, तो वे पति को सबसे पहले संबंध से ही वंचित करती हैं. एक ही बिस्तर पर होने के बावजूद मुंह को विपरीत दिशा में भी करके सो जाती है. महिलाओं की यह आदत पुरुषों को नागवार लगती है. कई बार इस आदत से आपस में खटास उत्पन्न हो जाती है.
पति की पर्सनल चीजों से न करें छेड़छाड़
अपनत्व और एकाधिकार जताने के लिए जब पत्नियां ऑफिस बैग, शर्ट-पैंट की पॉकेट, वॉलेट और मोबाइल या लैपटाप जैसी चीजों से छेड़छाड़ करती हैं या उनकी स्कैनिंग करती हैं, तो पति को मन ही मन बहुत कोफ्त होती है. ज्यादा परेशानी तो तब महसूस होती है, जब वे किसी महिला (चाहे वह कोई क्लाइंट हो) का कॉल, एसएमएस, फोटो या कोई कागजात देखकर विस्तार से जानने की कोशिश करने लगती हैं. वॉलेट में ज्यादा रुपये देखकर पूछने लगती हैं कि ये कहां से आये, किसने दिये.. आदि.
न करें हर वक्त टोकाटाकी
कुछ महिलाएं बात-बात में पति को टोकती हैं. उन्हें अपने पति की हर एक्टिविटी या आदत पर ऐतराज होता है. जैसे, आज ये ड्रेस क्यों पहनीॽ आज जल्दी क्यों जा रहे होॽ देर से क्यों आयेॽ इतने फोन क्यों करते होॽ दो-दो मोबाइल क्यों रखते हो.. बहुत लंबी लिस्ट है ऐसे सवालों की, जो टोकाटाकी करने वाली महिलाएं पूछ-पूछ कर पति को पका देती हैं. ऐसे में पति का चिढ़ कर नाराज होना स्वाभाविक है. इनपुट : शिखर चंद जैन
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