Mohini Ekadashi 2023 astrological remedies: मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Ekadashi Tithi) को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार यह तिथि 1 मई को पड़ रही है. मोहिनी एकादशी को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ही भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) ने असुरों से अमृत कलश लेने के लिए मोहिनी का रूप धरा था. अपने रूप के जाल में असुरों को फंसा कर उनसे अमृत कलश लेकर भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृतपान कराया था. ज्योतिष के अनुसार मोहिनी एकादशी के दिन आर्थिक परेशानी दूर करने के लिए कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि ये उपाय करने से जीवन में आ रही परेशानी दूर होती है. पंडित कौशल मिश्रा के अनुसार जानें मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2023) के दिन कौन से उपाय करने चाहिए. साथ ही यह भी जान लें कि इस दिन किस तरह की गलतियां भूल कर भी नहीं करनी चाहिए.
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मोहिनी एकादशी या एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पत्तों को न तोड़ें.
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एकादशी तिथि को बाल, मूंछ, दाढ़ी या नाखून आदि न काटें.
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जीवनसाथी के साथ नजदीक संबंध न रखें.
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मोहिनी एकादशी ही नहीं किसी भी एकादशी के दिन चावल का सेवन न करें.
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मोहिनी एकादशी के दिन तामसिक चीजों का सेवन करने से बचें.
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किसी के लिए भी अपने मुंह से अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें.
मोहिनी एकादशी से एक दिन पहले तुलसी के पत्ते को तोड़कर रख लें.
अब एकादशी के दिन थोड़ा दूध लें और उसमें केसर और तोड़े हुए तुलसी के पत्ते डाल दें.
दूध, केसर, तुलसी पत्ते के इस मिश्रण का भोग भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को लगाएं.
फिर भोग के प्रसाद के रूप में इसे पूरे परिवार समेत ग्रहण करें.
ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही आर्थिक परेशानी दूर होती है और घर में धन-समृद्धि आती है.
मोहिनी एकादशी सोमवार, 1 मई 2023 को
एकादशी तिथि प्रारंभ – अप्रैल 30, 2023 को 08:28 अपराह्न
एकादशी तिथि समाप्त – 01 मई 2023 को रात 10:09 बजे
2 मई को पारण का समय – 05:40 सुबह से 08:19 सुबह
पारण के दिन द्वादशी समाप्ति मुहूर्त – रात्रि 11:17 बजे
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मोहिनी एकादशी व्रत में भक्त भगवान विष्णु की पूजा समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते हैं.
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मोहिनी एकादशी व्रत रख रहे भक्त इस दिन सूर्योदय से पहले उठें
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उठने के बाद स्नान कर स्वच्छ कपड़े धारण करें.
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फिर, मंत्रों का जाप करते हुए, भजन गाते हुए और प्रार्थना करते हुए विष्णु को तुलसी, फूल, चंदन का पेस्ट, फल, तिल अर्पित करें.
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एकादशी व्रत रखने वाले इस दिन चावल और गेहूं से परहेज करें. वे दूध या फल खा कर अपना व्रत खोलें.