Mohini Ekadashi 2023: मोहिनी एकादशी कब है? जानें शुभ मुहूर्त और पारण का समय

Mohini Ekadashi 2023: ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, अप्रैल-मई के महीने में पड़ने वाले 'वैसाख' के हिंदू महीने में शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी (11वें दिन) को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है.

By Bimla Kumari | April 18, 2023 1:36 PM

Mohini Ekadashi 2023: ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, अप्रैल-मई के महीने में पड़ने वाले ‘वैसाख’ के हिंदू महीने में शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी (11वें दिन) को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है. यह एकादशी सभी हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाई जाती है क्योंकि यह एक व्यक्ति द्वारा किए गए सभी पापों को धोने में मदद करती है, जिसमें उसके पिछले जन्मों के पाप भी शामिल हैं.

मोहनी एकादशी का महत्व

मोहिनी एकादशी को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ही भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) ने असुरों से अमृत कलश लेने के लिए मोहिनी का रूप धरारण किया था और अपने रूप के जाल में असुरों को फंसा कर उनसे अमृत कलश लेकर भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृतपान कराया था. ज्योतिष के अनुसार मोहिनी एकादशी के दिन आर्थिक परेशानी दूर करने के लिए कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि ये उपाय करने से जीवन में आ रही परेशानी दूर होती है.

Mohini Ekadashi 2023: मोहिनी एकादशी कब

मोहिनी एकादशी सोमवार, 1 मई 2023 को

2 मई को पारण का समय – 05:40 AM से 08:19 AM

पारण के दिन द्वादशी समाप्ति मुहूर्त – रात्रि 11:17 बजे

एकादशी तिथि प्रारंभ – अप्रैल 30, 2023 को 08:28 अपराह्न

एकादशी तिथि समाप्त – 01 मई 2023 को रात 10:09 बजे

Mohini Ekadashi 2023: मोहनी एकादशी के दिन न करें ऐसी गलती

  • मोहिनी एकादशी या एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पत्तों को न तोड़ें.

  • एकादशी तिथि को बाल, मूंछ, दाढ़ी या नाखून आदि न काटें.

  • जीवनसाथी के साथ नजदीक संबंध न रखें.

  • मोहिनी एकादशी ही नहीं किसी भी एकादशी के दिन चावल का सेवन न करें.

  • मोहिनी एकादशी के दिन तामसिक चीजों का सेवन करने से बचें.

  • किसी के लिए भी अपने मुंह से अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें.

मोहिनी एकादशी के दिन करें ये उपाय

मोहिनी एकादशी से एक दिन पहले तुलसी के पत्ते को तोड़कर रख लें. अब एकादशी के दिन थोड़ा दूध लें और उसमें केसर और तोड़े हुए तुलसी के पत्ते डाल दें. दूध, केसर, तुलसी पत्ते के इस मिश्रण का भोग भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को लगाएं. फिर भोग के प्रसाद के रूप में इसे पूरे परिवार समेत ग्रहण करें. ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही आर्थिक परेशानी दूर होती और घर में धन-समृद्धि आती है.

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