MonkeyPox: दुनिया के कई देश इन दिनों मंकीपॉक्स के संक्रमण से जूझ रहे हैं. अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ यह वायरल संक्रमण अमेरिका-ब्रिटेन समेत कई एशियाई देशों में भी बढ़ रहा है. वायरल जूनोटिक बीमारी से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. कांगो में अब तक 18 हजार से ज्यादा संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं, जबकि कम से कम 610 लोगों की जान जा चुकी है.
हाल ही में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक पड़ोसी देश पाकिस्तान में संक्रमण का पांचवां मामला सामने आया है. मंकीपॉक्स के संक्रमण को कई मामलों में गंभीर और जानलेवा माना जाता है, इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित कर दिया है. मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी अलर्ट जारी किया गया है, फिलहाल यहां संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है.
also read: September Born Babies Prersonality: सितंबर में जन्मे बच्चे होते हैं जिज्ञासु…
also read: Mehndi Design Photo for Hartalika teej: अबतक का सबसे सुंदर मेहंदी…
आइए जानते हैं कि मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है और इससे बचाव के लिए क्या करें?
कैसे फैलता है यह संक्रमण?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में कहा, कि एम्पॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित वस्तुओं, निकट संपर्क और शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं जैसे कपड़े, चादर, तौलिया आदि का उपयोग करने से बचें. संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है. सामुदायिक स्तर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
कितने दिनों तक रहता है असर?
मंत्रालय ने कहा, कुछ स्थितियों में संक्रमण का असर दो से चार सप्ताह तक रह सकता है. हालांकि, अगर मरीजों का समय पर निदान हो जाए और उन्हें सहायक उपचार मिले, तो उनके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, अगर किसी में लक्षण दिखें या संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करने की भी अपील की गई है.
मंकीपॉक्स का इलाज क्या है?
मंकीपॉक्स के इलाज के लिए अभी तक कोई खास दवा नहीं है, हालांकि इसके कुछ टीकों पर अध्ययन चल रहा है. एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट (टीपीओएक्सएक्स), जो मूल रूप से चेचक के लिए है, उसका मंकीपॉक्स के इलाज के लिए अध्ययन किया जा रहा है. यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में गंभीर मंकीपॉक्स मामलों के लिए जेएनईओएस (जिसे इमवम्यून या इम्वेनेक्स भी कहा जाता है) नामक चेचक के टीके को भी मंजूरी दी है.