Monsoon Health Care: मानसून मौसम का आनंद आप कैसे लेते हैं. अक्सर चाय की चुस्कियों के साथ बालकनी से बारिश की बूंदों को गिरते देखते हुए है ना! घर पर आराम से निहारते हुए बारिश को देखना बेहद लुभावना होता है लेकिन तमाम खूबसूरती और सुकून के बीच बारिश का मौसम सर्दी, खांसी, इन्फेक्शन जैसे हेल्थ प्रॉब्लम्स भी साथ लाता है. ऐसे में इन संकमणों से बचते हुए मानसून का मजा लिया जाए तो बेहतर है. जानें बारिश के मौसम के कारण होने वाले संक्रमण को दूर करने में हर्बल चाय आपकी मदद कर सकते हैं.
चाय भारत में मॉर्निंग ड्रिंक्स में सबसे ज्यादा पसंदीदा है. इस एक कप गर्म चाय में यदि कुछ जड़ी-बूटियां या कुछ मसाले मिला दें तो यह हर्बल टी आपको कमाल के हेल्थ बिनफिट्स दे सकता है. मौसमी संक्रमणों को दूर रखने के लिए अपनी चाय में इन चीजों को एड करें.
बारिश के मौसम में होने वाले संक्रमण से बचाने में तुलसी बेहद कारगर है. केवल एक कप तुलसी वाली चाय छाती में कफ की परेशानी को कम करने, बंद नाक को खोलने और सर्दी-खांसी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है. तुलसी में पाए जाने वाले विटामिन ए, डी, आयरन, फाइबर और अन्य कंपाउंड बैक्टीरिया को नष्ट करने और इम्यूनिटी में सुधार करने में मदद करते हैं.
हल्दी में करक्यूमिन, डेस्मेथोक्सीकुरक्यूमिन और बिस-डेस्मेथोक्सीकुरक्यूमिन होते हैं, जो हमारे शरीर के अंदरूनी हिस्से को मजबूत कर सकते हैं. हल्दी के जीवाणुरोधी गुणों के कारण, यह मानसून के मौसम में होने वाले कई संक्रमणों का इलाज कर सकता है. इसका उपयोग सर्दी और गले में खराश के लक्षणों को रोकने और कम करने के लिए किया जाता है. हल्दी में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो किसी भी बीमारी या बीमारी के कारण होने वाली सूजन से लड़ने में मदद करते हैं.
सड़कों पर पकोड़े और समोसा खाने में भले ही लुभावना लगता हो, लेकिन इसकी वजह से पेट में इंफेक्शन और दर्द की समस्या हो सकती है. ऐसे में अदरक की चाय पीना फायदेमंद होता है. अदरक पाचन और मेटाबोलिज्म को सपोर्ट करता है, जिससे आंत के स्वास्थ्य में सुधार होता है. जिन लोगों को मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव होता है उनके लिए भी अदरक की चाय बहुत कारगर होती है.
हिबिस्कस बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी और एंथोसायनिन से भरपूर होता है. इसे चाय में मिला कर पीने से इम्यूनिटी को बैलेंस करने में मदद करता है. संक्रमण को रोकता है. हिबिस्कस में हाई लेवल एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं और इसमें जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं.
मानसून के दौरान मलेरिया और अन्य मच्छर जनित बीमारियों के होने की संभावना अधिक होती है. इन रोगों के खिलाफ लड़ाई में प्राचीन सप्तपर्णा वृक्ष एक शक्तिशाली हर्ब है. इस जड़ी बूटी में शक्तिशाली मलेरिया-रोधी गुण होते हैं और इसका ज्वरनाशक प्रभाव बुखार को कम करने में मदद करता है. इसके अतिरिक्त, यह मलेरिया के लिए शरीर के समग्र प्रतिरोध को मजबूत कर सकता है, साथ ही त्वचा की कई समस्याओं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.