Monsoon Tourist Places of Jharkhand: मानसून के मौसम की शुरूआत हो चुकी है. वैसे तो बारिश के मौसम में लोग घर में बैठकर चाय पकौड़ा खाकर बारिश का मजा लेते हैं, पर जो लोग घूमने के शौकीन हैं उनके लिए क्या गर्मी और क्या बरसात. आज हम आपको बताने वाले हैं झारखंड राज्य के ऐसे ही कुछ टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में जिन्हें आप इस बारिश के मौसम में एक्सप्लोर कर सकते हैं. आपको बता दें झारखंड में ट्रैवल करने के कई प्रमुख कारण है, मौसम के लिहाज़ से पूरी तरह से सुरक्षित है. इस जगह पर बाढ़ और भूस्खलन का कोई ख़तरा नहीं है
देवघर
सावन के मौसम में देशभर के श्रद्धालुओं के लिए झारखंड स्थित देवघर आकर्षण का खास केंद्र रहता है. देवघर, बैद्यनाथ मंदिर के रूप में जाना जाने वाले 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है. जब लाखों भक्त श्रावण महीने के दौरान रुद्राभिषेक के लिए यहां पवित्र जल लेकर आते हैं, तब देवघर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. देवघर को ‘झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में भी जाना जाता है.
फ्लाइट से देवघर कैसे जाएं
देवघर में ही देवघर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जो देवघर शहर से मात्र 9-10 किमी. की दूरी पर स्थित है. अगर आप फ्लाइट के माध्यम से देवघर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप अपने शहर से देवघर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट पकड़ सकते हैं. देवघर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से देवघर जाने के लिए आपको टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी. देवघर जाने के बाद आप बाबा बैद्यनाथ के दर्शन कर सकते हैं.
ट्रेन से देवघर कैसे जाएं
देवघर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन देवघर जंक्शन है, जो देवघर शहर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. देवघर जंक्शन भारत के नहीं, बल्कि झारखंड के ही कुछ पड़ोसी शहरों से रेलवे मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है. अगर आप झारखंड के निवासी हैं, तो आपको देवघर जाने के लिए झारखंड के भी सभी शहरों से डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा नहीं मिलेगी, इसलिए ट्रेन के माध्यम से देवघर जाने के लिए आप धनबाद, रांची या बोकारो के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं, जहां से देवघर के लिए ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
बस से देवघर कैसे पहुंचे
देवघर के लिए झारखंड के प्रमुख शहर रांची, धनबाद एवं बोकारो के साथ-साथ झारखंड के अन्य शहरों से भी देवघर के लिए बस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसके अलावा भी आपको बिहार एवं उत्तर प्रदेश के कुछ प्रमुख शहरों से देवघर के लिए बस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. यानी कि अगर आप बस के माध्यम से देवघर जा रहे हैं और आपके शहर से देवघर के लिए बस की सुविधा ना मिले तो आप अपने शहर से रांची, धनबाद या बोकारो के लिए बस पकड़ सकते हैं और वहां से दूसरी बस के माध्यम से देवघर जा सकते हैं.
बाइक और कार से देवघर कैसे जाएं
दोस्तों आप भी समझ सकते हैं कि अगर आप अपनी बाइक एवं कार के माध्यम से देवघर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप बिना किसी चीज का इंतजार किए देवघर पहुंच सकते हैं. आप चाहें तो अपनी बाइक एवं कार के अलावा प्राइवेट टैक्सी कार या बस के माध्यम से भी देवघर जा सकते हैं. देवघर में आपको सभी जरूरी चीजें मिल जाएंगी, लेकिन अगर आप छोटी से छोटी चीज देवघर में ढूंढेंगे तो आपको देवघर में नहीं मिलेगी. इसके लिए आपको रांची, धनबाद या बोकारो में ही अपनी जरूरत की सभी सामानों का शॉपिंग करना पड़ेगा.
वैद्यनाथ मंदिर के आसपास अन्य धार्मिक स्थल
बैजनाथ धाम के आसपास के प्रमुख धार्मिक स्थल की बात करें तो चित्रकूट पर्वत, नौलखा मंदिर, बासुकीनाथ ज्योतिर्लिंग, आदि हैं आप वैद्यनाथ धाम के ट्रिप के दौरान इन धार्मिक स्थलों को भी विजिट अवश्य करें.
जगन्नाथपुर मंदिर, रांची
रांची में स्थित जगन्नाथ मंदिर की पूजा अन्य हिंदू मंदिरों से काफी अलग है. पूजा की शुरुआत भगवान जगन्नाथ को फूल और भोजन चढ़ाने से होती है. देवताओं को दोपहर का भोजन दिया जाता है, जिसे भोग के नाम से जाना जाता है. जगन्नाथ मंदिर में शाम की आरती शांत है. पुरी रथ यात्रा के समान ही इस मंदिर में आषाढ़ के महीने में एक वार्षिक मेले के साथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है.
झारखंड की राजधानी रांची का जगन्नाथपुर मंदिर (Jagannathpur Temple) पुरी की तरह ही रथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि 1691 में बड़कागढ़ (Barkagarh) में नागवंशी राजा ठाकुर एनीनाथ शाहदेव (Thakur Aenenath Shahdeo) ने रांची में धुर्वा के पास भगवान जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कराया था.
जगन्नाथ मंदिर रांची के खुलने का समय
भगवान जगन्नाथ मंदिर जी के मंदिर का खुलने का समय सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है. दोपहर 12:00 बजे बाद यह मंदिर 3 घंटे के लिए बंद हो जाता है. शाम को 3:00 बजे पुनः मंदिर खुलता है और शाम की आरती होने के बाद मंदिर 7:00 बजे बंद हो जाता है.
कैसे पहुंचे जगन्नाथ मंदिर
जगन्नाथ पुर मंदिर रांची में स्थित है, इसके दर्शन के लिए आपको सबसे पहले रांची पहुंचना होगा. रांची फ्लाइट की सहायता से रांची पहुंचने के बारे में बात करें तो रांची के नजदीकी एयरपोर्ट रांची में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट है. आप अपने यहां से चेक कर ले कि फ्लाइट की सुविधा रांची के इस बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के लिए है या नहीं अगर है तो फ्लाइट पकड़कर सीधे रांची एयरपोर्ट पहुंचने के उपरांत यहां पर चलने वाले स्थानीय परिवहन जैसे – बस, टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा आदि की सहायता से आप रांची के किसी भी क्षेत्र में काफी सरलता पूर्वक जा सकते हैं.
ट्रेन से रांची कैसे पहुंचे ?
रांची शहर में स्थित रांची जंक्शन भारत के कुछ बड़े छोटे शहरों से रेलवे मार्ग द्वारा काफी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. अगर हम इस रांची जंक्शन से रांची में स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की दूरी की बात करें, तो तकरीबन 6 किलोमीटर है. आपको जहां से भी रांची जंक्शन पहुंचना हैं वहां से कृपया एक बार ट्रेन की जांच कर ले वैसे तो रांची जंक्शन काफी बड़ा है यह भारत के काफी हिस्से से रेलवे मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है.
सड़क मार्ग से रांची कैसे पहुंचे ?
सड़क मार्ग से रांची जाने के बारे में बात करें तो रांची शहर में स्थित रांची का सबसे बड़ा बस स्टैंड खादगढ़ा बस स्टैंड है. रांची के इस बस स्टैंड के लिए इसके नजदीकी कुछ मुख्य राज्यों के शहरों से डायरेक्ट बस की सुविधा भी आपको मिल जाती है. जैसे कि बिहार के कुछ शहरों से, उड़ीसा राज्य के कुछ शहरों से, पश्चिम बंगाल के कुछ शहरों से , उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों के के साथ-साथ यहां के लिए दिल्ली से भी आपको बस की सेवा मिल जाएंगी.
बिरसा प्राणी उद्यान रांची का इस मानसून में करें सैर
अगर आप बच्चों के साथ रांची शहर की यात्रा कर रहे हैं, तो बिरसा जूलॉजिकल पार्क घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है. पार्क में बाघ, शेर और हिरण सहित विभिन्न प्रकार की जीवों की प्रजातियों का घर है. अगर आपको वन्यजीव पसंद हैं, तो इस जगह से आप इस क्षेत्र के वन्यजीवों के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, और यहां पशु गोद लेने के कार्यक्रम का हिस्सा भी बन सकते हैं. चिड़ियाघर के प्रवेश द्वार पर एक छोटी सी कैंटीन है जो नाश्ता और पेय पदार्थ परोसती है. यह पार्क रांची से लगभग 25 किलोमीटर दूर है.
बेतला नेशनल पार्क
झारखंड के पलामू ज़िले में स्थित बेतला नेशनल पार्क को 1974 ईसवी में देश के नौ में से एक टाईगर रिज़र्व क्षेत्र घोषित किया गया था. घने जंगलों से घिरा बेतला 1026 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहाँ बड़ी संख्या मे जंगली जानवर पाए जाते हैं. यहाँ बड़ी संख्या में बाघ, तेंदुआ, जंगली भालू, सांभर, नीलगाय, मोर गौर और चीतल आदि जानवर पाए जाते हैं. उत्तर पूर्व के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रीय उद्यानों में से एक, यह पार्क लगभग 979 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से 232 वर्ग किमी मुख्य क्षेत्र है और इसे भारत में स्थापित किए गए पहले 9 बाघ अभयारण्यों में से एक होने का दर्जा प्राप्त है.
सूर्य मंदिर रांची
रांची में स्थित सूर्य मंदिर की पहली झलक बिल्कुल मनोरम है. एक मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. मंदिर का निर्माण विशिष्ट सूर्य मंदिर वास्तुकला में किया गया है, जिसमें 18 पहियों वाला एक विशाल रथ दिखाया गया है, इस मंदिर को सात घोड़ों द्वारा खिचते हुये दिखाया गया है. मंदिर परिसर में सूर्य भगवान के अतिरिक्त कई अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं. मंदिर में एक तालाब भी स्थित है जिसे बहुत पवित्र माना जाता है. मंदिर में हर दिन कई पर्यटक आते हैं और रांची में देखने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है.
शाम को खूबसूरत नजारे देखने के लिए आप रांची के मोरहाबादी स्थित टैगोर हिल जा सकते हैं. कवि रविंद्रनाथ टैगोर के नाम पर यह हिल है. इस जगह रविंद्रनाथ ने अपना काफी समय बिताया था, जिस वजह से इसका नाम टैगोर हिल रखा गया है. टैगोर हिल 300 फीट की ऊंचाई पर है. चोटी तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को लगभग 200-250 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. शीर्ष पर पहुंचने के बाद आप दूर के पहाड़ों और शहर का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं. यहां से आप सूर्यास्त का भी भरपूर आनंद ले सकते हैं.